कोरोना महामारी की वजह से नॉर्थ कोरिया ने लिया ये बड़ा फैसला, देश में…

नॉर्थ कोरिया इस साल टोक्‍यो ओलंपिक्स में हिस्‍सा नहीं लेगा. कोविड-19 महामारी की वजह से नॉर्थ कोरिया ने ये फैसला किया है. मंगलवार को नॉर्थ कोरिया के खेल मंत्रालय ने कहा कि देश कोरोना वायरस महामारी के समय में अपने एथलीट्स को सुरक्षित रखना चाहता है, इसलिए नॉर्थ कोरिया टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में हिस्‍सा नहीं लेगा. 

ओलंपिक कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला

ये फैसला नॉर्थ कोरिया ओलंपिक कमेटी की एक मीटिंग में 25 मार्च को किया गया जिसमें नॉर्थ कोरिया के खेल मंत्री Kim Il Guk भी शामिल थे.  मंत्रालय की वेबसाइट जेसन स्‍पोर्ट्स पर ये जानकारी दी गई है. वेबसाइट पर लिखा गया है, ‘कमेटी ने ये तय किया है कि नॉर्थ कोरिया 32वें ओलंपिक्‍स खेलों में शामिल नहीं होगा. नॉर्थ कोरिया अपने एथलीट्स को कोरोना वायरस से पैदा हुए वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य संकट से बचाना चाहता है.’

मंत्रालय ने बताया कि नॉर्थ कोरिया ओलंपिक कमेटी की बैठक में प्रोफेशनल स्‍पोर्ट्स टेक्‍नोलॉजी को विकसित करने के तरीकों, अंतरराष्‍ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने  और अगले 5 सालों में पब्लिक स्‍पोर्ट्स एक्‍टीविटीज को प्रमोट करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई. 

2032 ओलंपिक खेलों की मेजबानी

ये चर्चा भी है कि उत्तर कोरिया (North Korea) और दक्षिण कोरिया (South Korea) साथ मिलकर 2032 ओलंपिक की मेजबानी करना चाहते हैं. इससे जुड़ा एक बड़ा बयान उस समय आया जब साउथ कोरिया ने कहा कि उसने 2032 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Summer Olympics) और पैरालंपिक खेलों (Paralympic Games) की सह-मेजबानी के लिए उत्तर कोरियाई राजधानी प्योंगयांग के साथ ज्वाइंट क्लेम किया है.

बता दें कि साल 2018 के आखिर में साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन (Moon Jae In) और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने एक शिखर सम्मेलन के दौरान ज्वाइंट ओलंपिक बोली की दिशा में काम करने पर सहमति जताई थी. लेकिन जल्द ही दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई और यह लगने लगा था कि ज्वाइंट बोली नहीं लगेगी.

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