उत्‍तर कोरिया से बिना पूर्व निर्धारित शर्तों के बातचीत के लिए तैयार है अमेरिका, मानवीय मदद देने को भी तैयार

उत्‍तर कोरिया के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम का कहना है कि अमेरिका उत्‍तर कोरिया से बिना पूर्व निर्धारित शर्तों के बातचीत के लिए तैयार है। दक्षिण कोरिया के कोरियाई प्रायदीप की शांति और सुरक्षा के लिए नियुक्‍त विशेष प्रतिनिधि न क्‍यू ड्यूक से सियोल में हुई वार्ता के दौरान उन्‍होंने ये बात कही है। इस मौके पर सुंग ने कहा कि वो नू के साथ विभिन्‍न विकल्‍पों और पहल पर काम आगे भी जारी रखेंगे। यानहाप एजेंसी के मुताबिक उन्‍होंने इस दौरान ये भी कहा कि रिपब्लिक आफ कोरिया युद्ध खत्‍म करने के प्रपोजल और प्रायदीप को खुशहाल बनाए रखने के लिए अपने विचारों को साझा करेंगे।

पत्रकारों से वार्ता के दौरान सुंग ने कहा कि अमेरिका उत्‍तर कोरिया में वैश्विक कोरोना महामारी से उपजे मानवीय संकट को लेकर काफी चिंतित है। इसके लिए वो मानवीय आधार पर मदद करने को भी तैयार है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए अमेरिका उत्‍तर कोरिया से बिना शर्त बातचीत को भी तैयार है। उन्‍होंने ये भी कहा कि अमेरिका इस बात को साफतौर पर कहना चाहता है कि अमेरिका को इस मुद्दे पर आगे बढ़ने में कोई परेशानी नहीं है। उन्‍होंने इस बात की भी उम्‍मीद जताई है कि इस मुद्दे पर उत्‍तर कोरिया की तरफ से उन्‍हें सकारात्‍मक संकेत मिलेगा।

गौरतलब है कि हाल ही में उत्‍तर कोरिया ने अपनी एक अत्‍याधुनिक मिसाइल का टेस्‍ट किया था जिसके बाद कोरियाई प्रायदीप में तनाव बढ़ गया था। सुंग ने इस वार्ता के दौरान उत्‍तर कोरिया से प्रायदीप को अस्थिर करने के किसी भी कदम को न उठाने की भी अपील की है। सुंग की अपील पर नू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यदि उत्‍तर कोरिया अमेरिका से बातचीत का आफर स्‍वीकार कर लेता है तो किसी भी मुद्दे पर बातचीत संभव है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि अक्‍टूबर की शुरुआत में ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता नेड प्राइस ने कहा कि वाशिंगटन उत्‍तर कोरिया के किसी भी अधिकारी से बिना पूर्व शर्त के मिलने और बात करने को तैयार है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में भी अमेरिका के राजदूत लिंडा थोमस ग्रीनफील्‍ड ने भी इसी तरह का बयान देते हुए कहा था कि अमेरिका उत्‍तर कोरिया के साथ वार्ता करना चाहता है। वहीं मानवाधिकार पर यूएन के स्‍पेशल रेपोर्टर थोमस ओजे क्‍वीनटाना ने कहा था कि उत्‍तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों की समीक्षा करने की जरूरत है। उनका ये भी कहना था कि महामारी को देखते हुए इनमें ढिलाई दी जा नी चाहिए।

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