ट्रकों में नॉन बुलेट प्रूफ जवान, प्रधानमंत्री के लिए 8400 करोड़ का प्लेन, क्या यह न्याय है: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीवीआईपी हस्तियों के आने-जाने के लिए विमान खरीदने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार निशाना बना रहे हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीवीआईपी हस्तियों के आने-जाने के लिए विमान खरीदने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को लगातार निशाना बना रहे हैं। राहुल गांधी ने ट्रक में यात्रा कर रहे सेना के जवानों का एक वीडियो जारी किया है और कहा है कि जवानों को नॉन बुलेट प्रूफ ट्रकों में शहीद होने के लिए भेजा जा रहा है और प्रधानमंत्री के लिए 8400 करोड़ रुपये का हवाई जहाज खरीदा गया है।
राहुल गांधी ने शनिवार सुबह ट्वीट किया कि हमारे जवानों को नॉन-बुलेट प्रूफ़ ट्रकों में शहीद होने भेजा जा रहा है और PM के लिए 8400 करोड़ के हवाई जहाज़! क्या यह न्याय है? कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में शामिल होने पंजाब पहुंचे राहुल गांधी से जब पूछा गया कि वह जिस ट्रैक्टर पर बैठे थे, उसमें तो सोफे लगे थे। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी ने 8000 करोड़ के दो प्लेन खरीद लिए उसमें तो पूरा पलंग है। सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके दोस्त ट्रंप के पास भी ऐसा ही है।
हमारे जवानों को नॉन-बुलेट प्रूफ़ ट्रकों में शहीद होने भेजा जा रहा है और PM के लिए 8400 करोड़ के हवाई जहाज़!
क्या यह न्याय है? pic.twitter.com/iu5iYWVBfE
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 10, 2020
इसके बाद, वीवीआईपी विमान खरीदने के राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि इन विमानों को लाने की प्रक्रिया लगभग 10 साल पहले यूपीए के शासनकाल में शुरू हुई थी, एनडीए सरकार ने इस डील को तार्किक परिणति तक पहुंचाया है।
केंद्र सरकार की तरफ से सफाई में कहा गया था कि राहुल गांधी तथ्यों को नकार नहीं सकते हैं। केंद्र सरकार ने कहा कि ये विमान प्रधानमंत्री के विमान नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल दूसरे वीवीआईपी भी करेंगे। केंद्र ने कहा है कि ये विमान भारतीय वायुसेना का है न कि प्रधानमंत्री का, वीवीआईपी हस्तियों के आने-जाने के लिए इन विमानों को खरीदने की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई थी।
असल में, 3 अक्टूबर को भारत को अमेरिका से दो B-777 विमान मिले हैं। तकनीक और सुरक्षा के लिहाज से ये विमान अमेरिका के राष्ट्रपति के एयर फोर्स वन विमान जैसे हैं। इन विमानों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के द्वारा ही किया जा सकेगा।