सिम कार्ड अपग्रेड में अब नहीं होगी कोई धोखाधड़ी, कंपनियों को करना होगा यह काम
सिमकार्ड अपग्रेड कराने में धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के मद्देनजर केंद्र सरकार ने इससे संबंधित दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है। सेवा प्रदाता कंपनियों को सिम कार्ड अपग्रेड करने की प्रक्रिया में उपभोक्ता से इंटर-एक्टिव वॉयस कॉल के जरिए मंजूरी लेनी होगी। साथ ही 24 घंटे तक नए सिम पर कोई भी एसएमएस आ या जा नहीं सकेगा।
दूरसंचार मंत्रालय के सामने सिम कार्ड अपग्रेड में होने वाली धोखाधड़ी को लेकर कई मामले सामने आए। धोखाधड़ी करने वाले की ओर से अपग्रेड करने की प्रक्रिया में उपभोक्ता से उसका 15 अंकों का सिम नंबर पूछा गया। इसके बाद वह सिम डी-एक्टिवेट कर दिया गया।
इस दौरान उपभोक्ता के नंबर का एक नया सिम एक्टिवेट करा दिया गया। इस तरह से बैंकिंग, वित्तीय समेत अन्य धोखाधड़ी के कई मामलों को अंजाम दिया गया। यूपी, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से सरकार के समक्ष इस संबंध में शिकायतें आईं।
इसके मद्देनजर सरकार ने दिशा-निर्देश में बदलाव किया। अब सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से कॉल करके बातचीत कर अनुमति लेने के बाद ही कार्ड अपग्रेड होगा। कोई भी पुराना सिम का नंबर लेकर उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा।
उपभोक्ता पहले बताएगा नया सिम नंबर
मौजूदा समय में लोग 2जी से 3जी और 4जी में सिम अपग्रेड करा रहे हैं। ऐसे में कोई फोन कर सिम अपग्रेड करने के लिए नंबर मांगकर धोखाधड़ी कर सकता है। दिशा-निर्देशों में बदलाव के चलते अब ऐसा करना मुमकिन नहीं होगा।