महाकाल मंदिर में आम दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए खुलेगा निर्माल्य गेट

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रशासनिक फेरबदल के बाद व्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। अभी तक रसूखदारों की सुविधा का ध्यान रखने वाला मंदिर प्रशासन अब आम दर्शनार्थियों को राहत देने की तैयारी कर रहा है। वैशाख की तपती दोपहर में श्रद्घालुओं को राहत देने के लिए जल्द ही आम दर्शनार्थियों की निर्गम व्यवस्था निर्माल्य गेट से की जाएगी। इस व्यवस्था से दर्शनार्थियों को लंबा घूमना नहीं पड़ेगा। महाकाल दर्शन के बाद श्रद्घालु सीधे फैसेलिटी सेंटर स्थित जूता स्टैंड पर पहुंच जाएंगे।महाकाल मंदिर में आम दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए खुलेगा निर्माल्य गेट

करीब 1 माह पहले मंदिर प्रशासन ने प्रोटोकॉल के तहत आने वाले श्रद्घालु तथा 250 रुपए के सशुल्क टिकट वाले दर्शनार्थियों के लिए निर्गम की व्यवस्था मंदिर के मुख्य गेट से कर दी थी। उस समय अधिकारियों का कहना था कि वीआईपी दर्शनार्थियों को पुलिस चौकी के समीप स्थित जूता-चप्पल स्टैंड तक आने के लिए लंबा घूमना पड़ता है। गर्मी में दर्शनार्थियों को परेशानी ना हो इसके लिए यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। हालांकि उस समय आम दर्शनार्थियों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा गया था। जबकि आम दर्शनार्थियों को भी वर्तमान निर्गम द्वार से निकलकर लंबा घूमकर फैसेलिटी सेंटर स्थित जूता-चप्पल स्टेंड आना पड़ता है।

प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

वीआईपी व्यवस्था में बदलाव के बाद ‘नईदुनिया’ ने 19 मार्च को आम दर्शनार्थियों को हो रही परेशानी की ओर मंदिर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। जानकारों ने भी कहा था कि अगर निर्माल्य गेट से आम भक्तों के निर्गम की व्यवस्था की जाती है तो भीषण गर्मी में इन्हें राहत मिलेगी। व्यवहारिक परीक्षण के बाद अफसरों ने नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है। निर्माल्य गेट पर श्रद्घालुओं की सुविधा के इंतजाम किए जा रहे हैं। गर्मी में आम दर्शनार्थियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए इनके निर्गम की व्यवस्था निर्माल्य गेट से की जा रही है। मार्ग में मेटिन बिछाने के साथ शामियाने लगाए जा रहे हैं।

मंत्री कुशवाह ने किए महाकाल दर्शन

उज्जैन। कैबिनेट मंत्री नारायणसिंह कुशवाह ने बुधवार को महाकाल दर्शन किए। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उनका दुपट्टा व महाकाल की प्रसादी भेंट कर सम्मान किया गया। प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, उमेश पंड्या आदि सेवक मौजूद थे।

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