फेसबुक पर दोस्ती कर ठगी, दिल्ली से गिरफ्तार हुआ नाइजीरियन ठग

शहर के फर्नीचर व्यापारी को ठगने वाले अफ्रीकन गिरोह के फरार सदस्य को साइबर सेल ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपित नाइजीरियन है। उसके पास तीन मोबाइल व एटीएम कार्ड मिला। आरोपित व उनके सदस्य फेसबुक पर लोगों से दोस्ती करते। उसके बाद उन्हें झांसे में लेकर स्र्पए वसूलते। एटीएम, जॉब सहित अन्य तरह की ऑनलाइन ठगी में भी आरोपी लिप्त है। लोगों से स्र्पए वसूलकर आरोपित हवाला के माध्यम से उन्हें नाइजीरिया भेजते थे।फेसबुक पर दोस्ती कर ठगी, दिल्ली से गिरफ्तार हुआ नाइजीरियन ठग

साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि कंचन बाग में रहने वाले फर्नीचर व्यापार पंकज गांधी से तंजानिया मूल की युवती साऊमू उर्फ ग्लोरी ने फेसबुक पर दोस्ती की। फिर उन्हें जनवरी माह में दिल्ली अपने फ्लेट पर मिलने बुलाया।

वहां साऊमू ने अपने गिरोह के साथ मिलकर पंकज को नशीला पदार्थ पिलाया और उनके अश्लील फोटो व वीडियो बनाए। उसी के आधार पर पंकज को ब्लेकमेल कर ग्लोरी व उसके साथी स्र्पए वसूल रहे थे। 4 लाख स्र्पए वह आरोपितों के बताए खातों में जमा कर चुके थे।

उन्होंने दोबारा स्र्पयों की मांग की तो पंकज ने साइबर सेल से शिकायत की। ग्लोरी व उसके साथी सुमित को दिल्ली के राजपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। ग्लोरी ने पंकज से रीटा काटजू के खाते में स्र्पया जमा करवाया था। खाते की पड़ताल की तो वह भी दिल्ली का मिला। रीटा से पूछताछ हुई तो उन्होंने बताया कि नाइजीरिया का युवक किंगस्ले चीबूएजे (38) निवासी मेरिरू स्ट्रीट, ऐनुगू, नाइजीरिया उनके मकान में किराए से रहता था।

उसने बताया था कि वह एमवे कंपनी से जुड़ा है। माल की डिलेवरी का स्र्पया खाते में जमा करवाना है। इसलिए आपके खाते में स्र्पया जमा करवा देता हूं। आपका एटीएम कार्ड मुझे दे दो। वह समय-समय पर एटीएम कार्ड लेकर स्र्पया निकालता था। हालाकि, साइबर सेल जांच कर रही है कि रीटा के बयान सही है या नहीं। क्यों कि किंगस्ले पिछले कई महीनों से रीटा का घर छोड़कर सरिता विहार दिल्ली में रह रहा था। फर्जीवाड़े में रीटा की भूमिका की जांच की जा रही है।

इस तरह हाथ आया नाइजीरियन ठग

आरोपित किंग्सले शातिर है। उसका वीजा खत्म हो जाने पर वह पकड़ा न जाए इसलिए घर बदलता रहता था। वह दिल्ली के छतरपुर, सरिता विहार, बसंत कुंज, गे्रटर नोयडा एरिया में रहा। उसे गिरफ्तार करने वाले साइबर सेल के एसआई विनोद सिंह राठौर व हेडकांस्टेबल रामप्रकाश वाजपेयी ने बताया कि रीटा के खाते के माध्यम से टीम रीटा तक पहुंची। रीटा एअरलाइंंस में जॉब करती थी।

रीटा के खाते में फरवरी माह से लेकर अप्रैल माह के बीच 16 लाख स्र्पए जमा हुए थे। रीटा ने पूछताछ में किंग्सले का नाम उगला। इस पर रीटा से ही किंग्सले को फोन करवाकर उसे बुलाने के लिए कहा। रीटा के कहने पर आरोपित दिल्ली के नंदा अस्पताल के पास कपूर रेस्टोरेंट में मिलने पहुंचा। इधर, साइबर सेल ने पहले से ही आरोपित की घेराबंदी कर ली थी। जैसे ही उसे साइबर सेल ने पकड़ा तो वह मारपीट पर उतारू हो गया। हालाकि, पिस्टल के दम पर उसे हथकड़ी पहना ली।

हवाला के माध्यम से नाइजीरियन बॉस को भेजता है स्र्पया

टीआई राशिद अहमद व एसआई पूजा मुवेल ने बताया कि आरोपित किंग्सले ने पूछताछ में बताया कि वह छतरपुर एक्सटेंशन इलाके की आईसीआईसीआई बैंक खाते से स्र्पया निकालता था। जब वह बैंक स्र्पया लेने पहुंचा तो उसे पता चला कि खाते में जमा स्र्पया फ्रीज हो चुका है।

उसे पुलिस द्वारा पकड़े जाने का डर था। वह एटीएम कार्ड वहीं तोड़कर फरार हो गया। जांच में पता चला है कि आरोपित भारतीय लोगों के 10 से ज्यादा खाते ऑपरेट कर रहा था। 5 से 10 हजार स्र्पए कमीशन पर लाखों स्र्पयों का खातों में ट्रांजेक्शन करवाता था। उन स्र्पयों को खातों से निकालकर गैंग के सरगना ओबीजी निवासी नाइजीरिया को हवाला के माध्यम से स्र्पया भेजता था। इस कवायद में वह रकम का दस प्रतिशत स्र्पया अपने पास रखता था।

दो मां का बेटा व्यापार करने आया था दिल्ली, अफ्रीकन गैंग में शामिल हो गया

किंग्सले का परिवार नाइजीरिया में ही रह रहा है। उसके पिता की दो पत्नी है। दोनो पत्नी से 18 बच्चे है। किंग्सले 16 नंबर का पुत्र है। किंग्सले 2011 में नाइजीरिया से व्यापारिक वीजा पर दिल्ली आया था। तीन माह का वीजा था। साड़ियों का व्यापार करने के लिए आया था। उसने बताया कि वह नायरा (नाइजीरियन करेंसी) की जगह सात हजार डालर (भारतीय मुद्रा अनुसार 4 लाख 20 हजार स्र्पए) लेकर दिल्ली आया था।

यहां वह अपने दोस्त नगीसी से मिला। नगीसी ने इंवेस्टमेंट के नाम पर स्र्पए हड़प लिए और गायब हो गया। उसके बाद जब खुद ठगा गया तो अफ्रीकन मूल के केस्र् नामक शख्स के माध्यम से अफ्रीकन गैंग में शामिल हो गया। दिल्ली में इनका फ्रेंड्स ऑफ अफ्रीका नाम का गु्रप भी बना रखा है। जो हमेशा एक-दूसरे की मदद करते रहते है। आरोपित जॉब , मेट्रीमोनियल , लॉटरी फ्रॉड व ऑनलाइन चीटिंग के धंधे में लिप्त था।

दिल्ली में चलता है अफ्रीकन गैंगवार, हर गैंग ने बना रखा अपना लोगो

दिल्ली में बड़ी संख्या में अफ्रीकन मूल के लोग रह रहे है। इन्होंने अलग-अलग अपनी गैंग बना रखी है। सूत्रों ने बताया कि पहचान के लिए हर गैंग का अपना एक अलग लोगो है। यह अपने-अपने इलाके में काम करती है। गैंग के सदस्य ऑनलाइन ठगी, मादक द्रव्यों की तस्करी व देह व्यापार में लिप्त है। साइबर सेल किंग्सले व ग्लोरी की निशानदेही पर इनकी गैंग के सरगना ओबिजी व केरू की तलाश कर रही है।

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