अगले साल इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। दोनों वक्री चाल चलते हैं। वर्तमान समय में राहु गुरु की राशि मीन में विराजमान हैं। वहीं, केतु बुध की राशि कन्या में विराजमान हैं। मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती भी चल रही है। इसके लिए मीन राशि के जातकों के जीवन में अस्थिरता है। आसान शब्दों में कहें तो मीन राशि के जातकों को जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, मीन राशि में शुक्र देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। राहु और केतु के राशि परिवर्तन से राशि चक्र पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।  मायावी ग्रह के राशि परिवर्तन से 2 राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। वहीं, 2 राशि के जातकों को सतर्क रहना पड़ेगा। आइए जानते हैं-

राहु-केतु गोचर
ज्योतिषियों की मानें तो मायावी ग्रह राहु 18 मई को राहु वक्री चाल चलकर मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, केतु वक्री चाल चलकर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। राहु कुंभ राशि में 5 दिसंबर, 2026 तक रहेंगे। वहीं, केतु सिंह राशि में 5 दिसंबर, 2026 तक रहेंगे। इसके लिए कुंभ और सिंह राशि के जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

कन्या राशि (Kanya Rashi)
वर्तमान समय में कन्या राशि के जातक केतु से पीड़ित हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कई अवसर पर केतु की कृपा बरसने से जातक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। वहीं, कुदृष्टि पड़ने पर जातक असमंजस में रहता है। फैसले लेते समय जल्दबाजी करते हैं। इससे बने काम भी बिगड़ जाते हैं। बेवजह शक करने की आदत से रिश्ते में दरार पैदा हो जाता है। साथ ही जातक भ्रमित रहता है। इन सभी परेशानियों से कन्या राशि के जातकों को आगामी वर्ष से मुक्ति मिलेगी। कारोबार में व्याप्त मंदी दूर होगी। धन व्यय पर भी रोक लगेगा। सही समय पर उचित फैसले लेंगे। इससे लाभ प्राप्त होगा। रुके हुए कार्य में प्रगति आएगी। अपनों का साथ मिलेगा।

मीन राशि (Meen Rashi)
साल 2025 में मीन राशि के जातकों को भी मायावी ग्रह राहु से मुक्ति मिल जाएगी। इससे मीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। वर्तमान समय में गलत फैसले लेने या फैसले लेने में असमर्थ होने के चलते मीन राशि के कई कार्य में बाधा आ रही है। वहीं, गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल दोष बनता है। ज्योतिषियों की मानें तो राहु विरलय ही देवगुरु बृहस्पति के साथ रहने पर शुभ फल देते हैं। मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इसके अलावा, कई अवसर पर मीन राशि के जातकों का धन व्यय अधिक हो रहा है। इन सभी मुश्किलों से अगले साल मुक्ति मिलेगी। हालांकि, साढ़े साती के चलते अभी आपको विषम परिस्थिति से दो-चार होना पड़ सकता है। भगवान विष्णु की पूजा करें।

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