PNB घोटाला: नीरव मोदी की गिरफ्तारी पर भारत को हांगकांग के अधिकारियों से जवाब मिलने का इंतजार

भारत ने हांगकांग से हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी नीरव मोदी को गिरफ्तार करने को कहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हांगकांग के अधिकारियों से जवाब मिलने का इंतजार किया जा रहा है.

आभूषण कारोबारी नीरव मोदी देश से पलायन कर चुके हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमने हांगकांग में अधिकारियों से नीरव मोदी को भारत को सौंपने का आग्रह किया है.

उन्होंने बताया, भारत और हांगकांग के बीच भगोड़े अपराधियों को सौंपने को लेकर समझौता है. हमे अभी उनके जवाब का इंतजार है. कुमार ने यह भी बताया कि वहां स्थित भारतीय मिशन के मुताबिक, न्याय विभाग भारत की ओर से मोदी की गिरफ्तारी के अस्थायी आदेश की मांग की जांच कर रहा है.

हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक को 12,600 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरापी हैं. उनके ऊपर 1,300 करोड़ रुपये के और फर्जीवाड़े का आरोप है. इससे पहले संसद को सूचित किया गया था कि नीरव मोदी हांगकांग में हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले नीरव मोदी की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार की कोशिशों को चीन सरकार की तरफ से राहत मिली थी. चीन सरकार ने कहा था कि वह भारत के नीरव मोदी प्रकरण में कोई दखलंदाजी नहीं करेगा और हांगकांग की सरकार मोदी के प्रत्यर्पण पर स्वतंत्र फैसला लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र रहेगी.

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने 23 मार्च को हांगकांग सरकार से पंजाब नैशनल बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी को गिरफ्तार करने की अपील की थी. गौरतलब है कि हांगकांग ‘एक देश दो व्यवस्था मॉडल’ के तहत चीन सरकार द्वारा प्रशासित है.

हालांकि चीन सरकार सामान्य स्थिति में हांगकांग के न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करती है.

चीन के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गेंग शुआंग ने भारत द्वारा हांगकांग से नीरव मोदी की गिरफ्तारी करने के प्रस्ताव पर कहा कि चीन सरकार का मानना है कि इस मामले में फैसला हांगकांग सरकार अपने नियम और कानून के आधार पर करेगी. शुआंग के मुताबिक चीन के एक देश दो व्यवस्था मॉडल और हांगकांग के कानून के मुताबिक हांगकांग की सरकार चीन सरकार की मदद और मंजूरी से दूसरे देशों के साथ न्यायिक मामलों पर स्वतंत्र फैसला ले सकती है. लिहाजा, भारत सरकार की किसी उचित मांग पर हांगकांग नियमों के मुताबिक फैसला कर सकती है.

हांगकांग चीन का एक स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन है और चीन सरकार का दावा है कि वह हांगकांग के प्रशासनिक और न्यायिक प्रक्रिया में कोई दख्लंदाजी नहीं करती. वहीं भारत का हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि है जबकि भारत और चीन के बीच इस तरह की कोई संधि नहीं मौजूद है. लिहाजा, माना जा रहा है कि भले चीन सरकार दखलंदाजी से मना कर रही है लेकिन नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के फैसले में चीन पर्दे के पीछे अहम भूमिका अदा कर सकता है.

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