नवाजुद्दीन सिद्दीकी को इलाहाबाद कोर्ट से मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक

नई दिल्ली। फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी को पत्नी की ओर से दायर किए गए उत्पीड़न केस में इलाहाबाद कोर्ट ने राहत दी है। दरअसल, कोर्ट ने एक्टर और उनके परिवार के चार सदस्यों को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। एक्टर के वकील नदीम ज़फर जैदी ने कहा है कि हाईकोर्ट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी, उनके दोनों भाई फयादुद्दीन और अयाज़ुद्दीन और मां मेहरुनिसा की गिरफ्तारी पर स्टे लगा दिया है। हालांकि, एक तीसरे भाई मुनाज़ुद्दीन को कोर्ट की ओर से राहत नहीं मिली है।

पीटीआई की खबर के अनुसार, नवाजुद्दीन की पत्नी आलिया ने 27 जुलाई को नवाज, उनके तीन भाइयों और मां के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही आरोप लगाया है कि उन्होंने 2012 में परिवार में एक नाबालिग बच्ची के साथ भी छेड़छाड़ की थी।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी

वहीं, भारतीय दंड संहिता और पोस्को एक्ट से संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। नवाज की पत्नी की 14 अक्टूबर को पोस्को कोर्ट में पेश हुई थी और उन्होंने महिला मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। आलिया ने केस मुंबई के वर्सोवा थाने में दर्ज करवाया था और बाद में मुकदमा उत्तर प्रदेश में जिला मुजफ्फरनगर के थाना बुढ़ाना में स्थानांतरित हो गया था।

खबर ये भी है कि फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी से उनकी पत्नी आलिया उर्फ अंजना आनंद ने 2011 में ही सहमति से तलाक ले लिया था। दोनों के बीच मनमुटाव को तलाक का कारण बताते हुए अंजना ने नवाजुद्दीन से इद्दत या मेहर की रकम लेने से भी इन्कार कर दिया था। मुंबई की मोहकम-ए-शरिया दारुल कजा रहमानिया के मौलाना अबुल हसन राही काजी ने दोनों के बीच तलाक कराया था।

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बता दें कि आलिया का असली नाम अंजना है, जो आनंद दुबे की बेटी है। साथ ही 17 मार्च 2010 को मौलाना अबुल हसन राही काजी मुंबई के समक्ष धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम धर्म स्वीकार किया था। अंजना ने अपना नाम भी परिवर्तित कर जैनब उर्फ आलिया रख लिया था। हालांकि, कुछ दिन पहले आलिया ने कहा था कि उन्हें अब अंजना के नाम से ही जाना जाए।

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