मुंबई हमले को लेकर नवाज शरीफ ने कही ये बड़ी बात, अपने बयान को बताया सच

पाक के शीर्ष नागरिक व सैन्य नेतृत्व ने सोमवार को मुंबई आतंकी हमले के बारे में पद से हटाए गए पीएम नवाज शरीफ के बयान की निंदा करते हुए इसे गलत और भ्रामक करार दिया। जबकि नवाज शरीफ ने 2008 के मुंबई हमलों पर एक बार फिर अपने बयान के बचाव में कहा कि वह सच बोलेंगे और इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसके क्या परिणाम सामने आएंगे। यानी शरीफ अपने बयान पर कायम हैं जिसमें उन्होंने पहली बार माना कि पाक में आतंकी संगठन सक्रिय हैं जिन्होंने सीमा पार कर मुंबई हमलों को अंजाम दिया।मुंबई हमले को लेकर नवाज शरीफ ने कही ये बड़ी बात, अपने बयान को बताया सच

 

शरीफ के बयान को लेकर पाक में जबरदस्त विवाद पैदा हो गया है जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की उच्च स्तरीय बैठक सोमवार को बुलाई गई। पीएम कार्यालय में आयोजित इस बैठक में शरीफ के बयान को लेकर समीक्षा की गई और एकमत से कहा गया कि उनकी पार्टी पीएमएल-नवाज के संरक्षक की टिप्पणी ‘असत्य व भ्रामक’ है।

बैठक में मौजूद लोगों ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ठोस तथ्यों और हकीकत को नजरअंदाज करके एक राय पेश की गई। सभी ने एकमत से शरीफ की टिप्पणी को खारिज किया और उनके दावे की निंदा की।

डॉन समाचार पत्र के मुताबिक शरीफ का उनके हाल ही में दिए बयान पर अड़े रहना उनकी पार्टी के रुख से विरोधाभासी है और इस मुद्दे पर दोनों भाईयों के विरोधाभासी बयानों से सत्तारूढ़ दल में मतभेद सामने आए हैं।

पीएमएल-एन अध्यक्ष व नवाज के भाई शाहबाज शरीफ ने कहा था कि पार्टी नवाज के दावों को खारिज करती है चाहे वह प्रत्यक्ष या परोक्ष ही क्यों न हों। उन्होंने रविवार को कहा था कि भारतीय मीडिया ने उनकी टिप्पणियों की गलत ढंग से व्याख्या की थी। नवाज शरीफ ने सोमवार को पार्टी की इस धारणा को दूर किया और कहा कि जो भी हो वे सिर्फ सच ही बोलेंगे। 

नवाज ने सवाल पूछने वालों को धोखेबाज बताने पर खेद जताया

नवाज शरीफ ने सोमवार को मुंबई हमले में पाक आतंकियों के शरीक होने के बयान पर अडिग रहते हुए कहा कि मैंने जो कुछ कहा है उसकी तस्दीक पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद दुर्रानी पहले ही कर चुके हैं। नवाज ने खेद जताया कि जो लोग सवाल पूछते हैं उन्हें मीडिया में धोखेबाज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया हमारी बातों पर ध्यान क्यों नहीं देती? और जो इंसान इस पर सवाल कर रहा है उसे गद्दार बताया जा रहा है। 

 
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