मेरे इन दो विकेटों ने बदला मैच का रुख: कुलदीप

श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से टीम इंडिया में मौजूद कुलदीप यादव को विशाखापत्तनम वनडे के दौरान इस सीरीज में पहली बारी खेलने का मौका मिला। कुलदीप ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता। उन्होंने 10 ओवर में 42 रन देकर 3 विकेट लिए, हालांकि कुलदीप का मानना है कि उनके दो विकेटों से ही मैच का पूरा रुख बदल गया। कुलदीप ने सेट बल्लेबाज उपुल थरंगा (95) और निरोशन डिकवेला (8) को एक ही ओवर में आउट कर मेहमान टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था। मैच के बाद इस बारे में बात करते हुए कुलदीप ने कहा, “उनके बल्लेबाज विकेट पर जमे हुए थे और हम जानते थे कि बीच के ओवरों में हमें विकेटों की जरूरत होगी। मैंने दो विकेट एक ही ओवर में निकाल लिए और इससे मैच का रुख हमारी तरफ हो गया।”

विशाखापत्तनम की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों की मददगार होती है लेकिन कुलदीप ने कहा कि विकेट पर स्पिन गेंदबाजों के लिए भी काफी कुछ था। युवा स्पिनर ने कहा, “विकेट स्पिन गेंदबाजों के लिए काफी अच्छी थी। हमें अच्छी खासी स्पिन मिल रही थी जिसे देखकर मुझे खुशी हुई।” बीमार वॉशिंगटन सुंदर की जगह प्लेइंग इलेवन में शामिल हुए कुलदीप ने टीम ने बताया कि जब उन्हें मैच खेलने का मौका नहीम मिल रहा था तो वो लगातार अपनी गेंदबाजी और फिटनेस पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी गेंद की लेंथ पर भी काफी काम किया है। आपकी तैयारी काफी मायने रखती है। जब आप खेलते नहीं हो तो अभ्यास करते हो और अपनी फिटनेस तथा फील्डिंग पर काफी मेहनत करते हो। जब आपको मौका मिलता है तो आप अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हो।” 

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मैच खत्म होने के बाद कमेंटेटर आकाश चोपड़ा, आशीष नेहरा और जतिन सप्रू से बात करते हुए कुलदीप ने बताया कि किस तरह महेंद्र सिंह धोनी स्पिनरों को विकेट लेने में मदद करते हैं। दरअसल जतिन ने कुलदीप से सवाल पूछा था कि जिस तरह धोनी विकेट के पीछे से उन्हें मदद करते हैं, क्या घरेलू और दूसरे टीमों में खेलते हुए भी उन्हें विकेटकीपरों से उतनी मदद मिलती है। जवाब में कुलदीप ने कहा, “धोनी जैसा कोई और नहीं है। विकेट लेने में वो 60 प्रतिशत काम करते हैं और मैं 40 प्रतिशत। वो मुझे बताते हैं कि कैसे गेंद करानी है, मैं वैसे ही गेंद डालता हूं और विकेट मिल जाती है।”

 
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