मुस्लिम लीडर बोले-मोदी और योगी डाल रहे हैं हिंदू-मुसलमानों में फूट

रुद्रपुर: मुस्लिम समाज में ये सच है कि औरतों के साथ तलाक के नाम पर जुर्म हो रहा है। लेकिन इसका समाधान भाजपा द्वारा लाए जा रहे तीन तलाक से संबधित बिल से संभव नहीं है। केंद्र इस बिल के नाम पर मुस्लिम औरतों के साथ झूंठी हमदर्दी दिखाने का काम कर रही है। उसे को चाहिए था कि वह इस समस्या के समाधान के लिए वह मुस्लिम लीडर व जमात के लोगों के से बात कर इस समस्या कोई और पुख्ता हल निकालना चाहिए था। ये कहना है दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी का।

इमाम सैय्यद बुखारी मौलाना जाहिद रजा रिजवी के आवास पर निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकार वार्ता कर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि वह कबूल करते हैं कि आज मुस्लिम औरतों के साथ तलाक के नाम पर जुर्म हो रहा है। युवा पीढ़ी मोबाइल, व्हॉटसएप, फेसबुक व सार्वजनिक स्थलों महिलाओं के भविष्य की चिंता किए बिना ही बिना सोचे समझे तलाक दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह गलत है और समाज में इन औरतों की सामाजिक सुरक्षा एक बड़ा सवाल है। वो बोले कि इस समस्या का समाधान भाजपा के तीन तलाक से संबधित बिल से संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को मिली इस आजादी में पहले तो सरकार को देने का हक नहीं है। लेकिन अगर केंद्र सरकार वास्तव में मुस्लिम समाज की महिलाओं की इस समस्या का समाधान चाहती है तो उसे बिल लाने के बजाए इस संबध में मुस्लिम लीडर और जमात के लोगों से रायशुमारी करनी चाहिए थी। सरकार को तलाक के नाम पर बिल पास कराने के बजाए मुस्लिम समाज की तालीम, रोजगार व सुरक्षा के संबध में ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में आज मुस्लिमों की दूसरी बड़ी आबादी है। देश की जो राजनैतिक पार्टियां अपने को सेक्यूलर कहती हैं और मुस्लिमों का हितैषी बताती है। लेकिन आजादी के बाद से आज तक मुस्लिम समाज को सिर्फ ठगा ही गया है।

उनका ये भी कहना है कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास की बात कहती है। लेकिन मुस्लिम का विकास तो दूर उन्हें आज तक चुनावों में समाज को प्रतिनिधित्व तक नहीं करने दिया गया। मौलाना ने कहा कि केंद्र सरकार विदेशों में अपने को मुस्लिमों का हितैषी बताती है, जबकि उसका देश के मुसलमानों के साथ जो रवैया है वह बेहद ही अफसोस जनक है।

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