कंपनियों से मिलीभगत करके नगर निगम अभियंता अपने ही विभाग को लगा रहे करोड़ों का चूना, नगर आयुक्त ने दिये जांच के निर्देश

कंपनियों से मिलीभगत करके नगर निगम अभियंता अपने ही विभाग को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। बिना अनुमति के केबल और गैस पाइप डालने के नाम पर सड़क खोदवा दी गई। अब मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही खोदी गई सड़कों का लेखा-जोखा भी तैयार हो रहा है। कंपनियों को नोटिस देकर जवाब भी मांगा जाएगा।

सड़क खोदने को लेकर सबसे ज्यादा खेल जोन दो, तीन और छह में हो रहा है। जोन-दो के वार्ड-21 ख्यौरा में 65 लाख रुपये से बनी नई सड़क गैस पाइप डालने के लिए खोद दी गई। पार्षद के हंगामा करने पर मामला सामने आया। सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड (सीयूजीएल) की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया। अब मुख्य अभियंता एसके सिंह ने जरौली फेस एक में निरीक्षण के दौरान खोदी सड़क पकड़ ली। इस मामले में भी थाना बर्रा में मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दी गई है। गुमटी नंबर पांच में भी मामला पहले पकड़ा गया था। इसमें भी कार्रवाई हुई थी।

ऐसे होता है खेल

कंपनी के प्रतिनिधि नगर निगम के अभियंताओं से साठगांठ करके कुछ हिस्से को खोदने की अनुमति ले लेते हैं। इसके बाद उसी दस्तावेज को दिखाकर बाकी हिस्सा भी खोद दिया जाता है। खोदाई का पैसा नगर निगम में न जमा करके अभियंता, कर्मचारी और ठेकेदार आपस में बांट लेते हैं।  

यहां खोदी गईं सड़कें 

कल्याणपुर, विष्णुपुरी में बिना नगर निगम की अनुमति के सड़क खोद दी गई है। कई जगह पार्षदों ने मामला पकड़ा और हंगामा हुआ।

जल निगम को 99 लाख का नोटिस 

नगर निगम ने पनकी में सड़कें उखडऩे को लेकर जल निगम को 99 लाख रुपये का नोटिस दिया है। पनकी के कई ब्लाकों में सड़क खोदकर छोड़ दी गई। इसके चलते वाहनों का लोड दूसरी सड़कों पर बढ़ गया और सड़क उखड़ गई। इसके दोबारा निर्माण के लिए नगर निगम ने धन मांगा है। 

पार्षद ने पकड़ा था खेल 

हाल ही में पार्षद हाजी सुहेल ने एक मामला पकड़ा था। इसमें बेकनगंज समेत कई जगह सड़कें एक जगह की स्वीकृति दिखाकर खोद दी गईं। जांच में पता चला कि वार्ड के आधार पर स्वीकृति दे दी गई जबकि संबंधित सड़क के हिसाब से स्वीकृति दी जाती है। बाद में सर्वे हुआ फिर खोदी सड़कों के निर्माण में आने वाले खर्च का एस्टीमेट बनाकर वसूला गया।

किया जा रहा सर्वे  

नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीए ने मुख्य अभियंता एसके ङ्क्षसह को आदेश दिए हैं कि खोदी सड़कों का सर्वे कराके धन की वसूली की जाए और सड़कों का निर्माण कराया जाए। दोषी अभियंताओं और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए। 

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