माँ ने अपने खून को उतारा मौत के घाट

सारे संसार में माँ को भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया जाता है, वो माँ ही होती है जो बच्चे को नौ महीने अपने रक्त से पोषित करती है और उसके जन्म के बाद उसी रक्त से बने दूध का पान कराती है. किन्तु गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले से जो हृदयविदारक घटना सामने आई है, वो माँ की ममता पर एक बदनुमा धब्बा है. यह मामला सुरेंद्रनगर के कृष्णनगर इलाके का है, जहां रहने वाले शांतिलाल परमार ने मंगलवार की शाम थाने जाकर अपने 6 वर्षीय बेटे भद्र की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू कर दी.
बुधवार सुबह जब पुलिस शांतिलाल के घर पूछताछ करने पहुंची तो, उन्होंने सीढ़ियों के निचे 2 सूटकेस पड़े हुए देखे, जांच करने पर उसमे से भद्र की लाश मिली, पुलिस को मामला समझते देर न लगी पुलिस ने भद्रा की माँ को बुलाकर सख़्ती से पूछताछ की तो मामला पूरी तरह साफ़ हो गया. 1 साल पहले ही शांतिलाल ने जीनल से दूसरी शादी की थी, शांतिलाल को अपनी पहली पत्नी से एक लड़का था, जबकि जीनल को अपने पहले पति से एक लड़की थी. दोनों ने इस शर्त पर शादी की थी कि वे अब तीसरी औलाद के लिए प्रयास नहीं करेंगे और इन दोनों को ही अपना सारा प्यार देंगे.
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लेकिन जीनल की घटिया मानसिकता उसे बार-बार अपनी बेटी के बारे में ही सोचने के लिए उकसाती थी , की जब उसकी बेटी शादी होकर चली जाएगी तो साड़ी जायदाद भद्र को मिल जाएगी और उसकी बेटी को कुछ नहीं मिलेगा. इसी घिनौनी सोच ने एक दिन इतना वीभत्स रूप धारण कर लिया की जीनल ने भद्र को घर पर अकेला पाकर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, उसके बाद उसके शव को चुन्नी में लपेट कर एक सूटकेस में रख दिया और शोर मचाने लगी की उसका बेटा खो गया है. पुलिस ने आरोपी महिला जीनल को गिरफ्तार कर उसपर हत्या का केस दर्ज कर लिया है.