मानसून ने बिगाड़ा देश का हाल, आंकड़ों से जानिए किस तरह बारिश ने किया नुकसान
मानसून अपने आखिरी चरण में है, चार में से तीन महीने पूरे हो चुके हैं। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक देश में अब तक 6% कम बारिश के साथ मानसून सामन्य है। देश के 9 राज्यों में आई बाढ़ से अब तक 75 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है। देश के 10% हिस्सों में 10 से 19% तक कम बारिश यानी सूखे के हालात हैं। मौसम विभाग अलग-अलग तस्वीरें पेश कर रहा है। देश के कई हिस्से सूखे से ग्रस्त हैं तो कई जगह बाढ़ का सितम है। कुल मिलाकर 40% हिस्सा सूखे की चपेट में है। क्योंकि इन इलाकों में सामान्य से 20% कम बारिश हुई है। वहीं देश के 20% जिलों में बाढ़ ने तबाही मचाई है। 10% हिस्सों में 10 से 19% तक कम बारिश हुई है, जिसे सामान्य बारिश में गिना जाता है। इस तरह आधे देश में मानसून काफी कमजोर रहा है।
हालांकि मौसम विभाग कहता है कि देश के नॉर्थ ईस्ट और कुछ इलाकों में बारिश की मात्रा और वितरण अच्छा नहीं रहा है। नॉर्थ ईस्ट में कमजोर मानसून के चलते बारिश कम हुई है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर भी कम रहा। तीन महीने के बारिश के पैटर्न के मुताबिक पैदावार के आंकड़े देखें तो इससे वास्तविक तस्वीर उभर कर नहीं आती। दरअसल, बुवाई के वक्त कैसी बारिश थी, इसका बहुत महत्व है। खासकर बुवाई के पहले हफ्ते में अच्छी बारिश फायदेमंद होती है। केरल में अति बारिश से फसलों को भी नुकसान हुआ है। धान बह गया है। चाय, नारियल, काजू, मसालों पर भी फर्क पड़ेगा। सरकार ने इस बार पिछले साल की तुलना में खरीफ सीजन में 1.86% ज्यादा पैदावार की बात कही है।
क्या है असामान्य बारिश की वजह?
क्या है असामान्य बारिश की वजह?
इस सीजन बारिश का असामान्य वितरण और अत्यधिक बारिश क्लाइमेट चेंज का संकेत देते हैं। बारिश का वितरण भी बीते सालों की तुलना में असामान्य रहा है। उत्तर की जगह पश्चिमी घाटों पर अत्यधिक बारिश की घटनाएं देखी गई हैं। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक उत्तर की तरफ कमजोर हवा का प्रसार होने की वजह से ऐसा हुआ है। हवा की मजबूती और लोकेशन बंगाल की खाड़ी पर बनने वाले लो प्रेशर सिस्टम पर निर्भर करती है। ये मानसूनी हवाओं को मजबूती देने और उसे दिशा प्रदान करती है।