एअर इंडिया में मोदी सरकार के प्रस्ताव विनिवेश में कांग्रेस ने लगाया गड़बड़झाले का आरोप
कांग्रेस पार्टी ने सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया के विनिवेश के मोदी सरकार के प्रस्ताव के प्रारूप पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि एअर इंडिया के निजीकरण की बात सुनकर मैं स्तब्ध हूं. इसमें किसी निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने की बात स्पष्ट दिख रही है.
क्या आरोप लगाए अहमद पटेल ने?
अहमद पटेल ने कहा कि विनिवेश प्रस्ताव के अनुसार सरकार 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है जबकि कंपनी के कर्ज का 52 फीसदी जिम्मा सरकार के पास ही रहेगा. कांग्रेस ने सवाल खड़े किए कि इस विनिवेश का प्रस्ताव ऐसा ही तैयार किया गया है. क्या ये किसी निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है?
क्या है सरकार का विनिवेश प्रस्ताव
गौरतलब है कि सरकार ने कर्ज में डूबी एअर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया की योजना बुधवार को पेश की. इसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी में 76 प्रतिशत तक हिस्सेदारी और निजी कंपनियों को प्रबंधन नियंत्रण सौंपी जाएगी. नागर विमानन मंत्रालय ने हिस्सेदारी बिक्री को लेकर प्रारंभिक सूचना ज्ञापन में विस्तार से इसकी जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित विनिवेश में लाभ कमा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस तथा संयुक्त उद्यम कंपनी एअर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल होगी. एअर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. राष्ट्रीय विमानन कंपनी तथा सिंगापुर की एसएटीएस लि. की संयुक्त उद्यम है. दोनों की कंपनी में बराबर-बराबर हिस्सेदारी है.
सरकार इसमें 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेगी. साथ ही सफल बोलीदाता को एयरलाइन में कम-से-कम तीन साल तक निवेश बनाये रखना होगा. विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए विदेशी एयरलाइंस समेत विभिन्न इकाइयों से रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किये गये हैं. ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 14 मई है और पात्र बोलीदाताओं को सूचना 28 मई को दी जाएगी.