मॉर्डन लाइफस्टाइल, महिलाओं को बना रहा है बीमार

तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण भारत में पुरुषों की तुलना में करीब 40 फीसदी महिलाएं एनीमिया से जूझ रही हैं. वहीं महिलाओं की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक पुरुष असामान्य शुगर स्तर से पीड़ित हैं. एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. इस संस्था ने निवारक स्वास्थ्य जांच की जरूरत पर जोर दिया है. करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी के स्तर में कमी पाई गई है. महिलाओं में विटामिन डी की अधिक कमी थी जबकि पुरुषों में विटामिन डी की मात्रा पर्याप्त नहीं थी.

यह आंकड़ा 2015-17 के दौरान भारत में तीन लाख पुरुषों और महिलाओं पर किए गए सर्वे पर आधारित है. इस सर्वे के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया गया. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में सर्वाधिक अव्यवस्थित एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड स्तर के लक्षण पाए गए. लगभग 38 फीसदी महिलाओं में पुरुषों (16 फीसदी) के मुकाबले एनीमिया के मामले अधिक थे. 61 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में एनीमिया से पीड़ित होने की अधिक संभावना थी.

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इसके अलावा करीब 20 फीसदी व्यक्ति डायबेटिक या प्री डायबेटिक पाए गए. महिलाओं की तुलना में (17.36 फीसदी) पुरुष में अधिक असामान्य शर्करा स्तर (20.82 फीसदी) दिखा. आरएंडडी, एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के सलाहकार और मेंटॉर-डॉ. बी आर दास ने कहा, “यह परिणाम निवारक स्वास्थ्य जांच के महत्व और नैदानिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों के बीच बढ़ती जागरुकता को उजागर करते हैं. चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, बहुत सी बीमारियों का ठीक और शीघ्र निदान किया जा सकता है.”

एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सीईओ अरिंदम हल्दर ने कहा, “हर व्यक्ति की पहुंच सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक होनी चाहिए. हमें बायोमेडिकल और संचार प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के साथ यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में प्रगति कर सकें.”

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