मोबाइल ने बचाई दरोगा की जान, बना रक्षक

उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप बदमाशों के सफाए के लिए मथुरा पुलिस ने बदमाशों के ठिकाने पर छापा मार कार्रवाई की। पुलिस को सूचना मिली थी कि 25000 का इनामी बदमाश जमशेद थाना बरसाना इलाके के जानू गांव के जंगलों में छुपा हुआ है। इस सूचना पर पुलिस ने खेत मे बने एक मकान को घेर लिया और बदमाशों ने अपने को घिरता देख पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायर किया जिसमें इनमी बदमाश के साथी महेश को गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन 25000 का इनामी बदमाश अंधेरे का फायदा उठा कर फ़रार हो गया। इस मुठभेड़ में एक दरोगा सुल्तान सिंह भी गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मोबाइल ने बचाई दरोगा की जान

मथुरा पुलिस की स्वाट टीम को रविवार की देर रात सूचना मिली कि थाना बरसाना क्षेत्र के जानू गाँव में 25 हजार का इनामिया बदमाश जमशेद छुपा हुआ है। इस सूचना पर रात करीब २ बजे बरसाना पुलिस और स्वाट टीम जानू गाँव पहुँची और उस घर को घेर लिया जहाँ बदमाश छुपे थे। पुलिस जैसे ही बदमाशों को पकड़ने के लिए आगे बढ़ी तो बदमाशों ने पुलिस पर सीधे फायरिंग शुरू कर दी। इससे एक गोली स्वाट टीम के दरोगा सुल्तान सिंह के सीने में जा कर लग गई। इस दौरान पुलिस ने भी बचने के लिए फायरिंग की जिसमे जमशेद का एक साथी महेश घायल हो गया।

प्रिंसिपल ने महिला शिक्षामित्र के साथ की छेड़छाड़

वहीं जमशेद भागने में सफल रहा। इस घटना में जो सबसे ख़ास बात रही वह ये थी की इस फायरिंग में घायल दरोगा की जान मोबाइल फोन ने बचा ली। दरअसल जब बदमाशों ने फायरिंग की और गोली दरोगा सुल्तान सिंह के सीने में लगी तब उसकी शर्ट की जेब में मोबाइल फोन रखा था। गोली सीने में लगने से पहले दरोगा के मोबाइल से लगी जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। इस मामले में एसएसपी स्वप्निल ममगई ने बताया की इस पूरे घटना क्रम में हमारे बहुत महत्वपूर्ण सदस्य, स्वाट टीम के सुल्तान सिंह को इंजरी हुई है। अभी वो अस्पताल में एडमिट हैं। हाँ सौभाग्य से ये स्थिति आई है, नहीं तो बहुत बड़ी घटना हो सकती थी।

Back to top button