घबराने की जरूरत नहीं है यंहा जाने कोरोनावायरस से बचने के उपाय…

अस्पताल दिल्ली में कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज में नोडल आफिसर की भूमिका निभा रहे हैं। डा. सूरी की व्यस्तता काफी बढ़ गई है। वह लगातार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को ताजा स्थिति से अवगत करा रहे हैं। ताजा मामले सामने आए हैं और भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना वाले मरीजों की संख्या 10 पार कर गई है।

छह मरीज आगरा में तो एक लखनऊ में मिला है। जांच और इलाज जारी है। वायरस के असर को देखते हुए सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन और उसके बाद मंगलवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संयम बरतने, आतंकित होने से बचने, न घबराने की सलाह दी है।

तेजी से फैल रहा है कोरोनावायरस

अमेरिका में कोरोनावायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 100 पार कर गई है। चीन में 80 हजार से अधिक लोग संक्रमित हैं और दुनिया के करीब 63 देशों में 90 हजार से अधिक मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं। वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इतना ही नहीं वायरस की चपेट में आए 3,119 मरीजों ने दम तोड़ दिया है।

वायरस ने जहां पूरी दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चिंता पैदा कर दी है, वहीं दुनियाभर के बाजार वायरस के बढ़ रहे दायरे से अपनी तेजी खो चुके हैं। चीन के सकल घरेलू उत्पाद और विकास दर पर बहुत ही नाकारात्मक असर पड़ा है।

भारत ने भी वायरस का संक्रमण बढ़ने की संभावना देखकर पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन, मेट्रोनिडाजोल, टिनिडाजोल, विटामिन बी1, बी6, बी12, प्रोजीस्टेरॉन, इरिथ्रोमाइसिन समेत 26 दवाओं, इनके साल्ट और इनके मिश्रण से बनने वाली दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी है। ताकि देश के भीतर दवाओं की कमी न आने पाए।

भारत सरकार ने चीन के कुछ हिस्सों की यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। यात्रियों को इटली, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड, जापान, ईरान समेत तमाम देशों की यात्रा न करने की सलाह दी है। भारत सरकार ने इन देशों से आने वाले लोगों का वीजा रद्द कर दिया है। भारत सरकार ने यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया है।

इसके अलावा देश के प्रमुख बंदरगाहों, 21 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, नेपाल से भारत आने के रास्तों पर लोगों को व्यापक जांच पड़ताल के बाद ही देश के भीतर आने दिया जा रहा है। संक्रमित लोगों और उनके परिवार के सदस्यों, संपर्क में आए संभावित लोगों की क्लोज मॉनिटरिंग की जा रही है। कोरोनावायरस के पीड़ितों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डा. बताते हैं कि कोरोनावायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में इसका इलाज संभव है। जरूरत बचाव की है। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हाथ को साबुन या सेनिटाइजर से अच्छी तरह साफ करें।

सर्दी, जुकाम या छींक से पीड़ित व्यक्ति से कम से कम चार फिट की दूरी बनाकर वहां रहना चाहिए। खांसते समय मुंह पर टिश्यू पेपर या रुमाल या फिर हाथ रख लें। बिना हाथ को अच्छी तरह से धोए खाने के सामान या नाक, मुंह के पास न ले जाएं।

कोरोनावायरस से पीड़ित होने का कोई भी लक्षण मिलने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। याद रखिए कि इसमें लापरवाही खतरनाक हो सकती है। इसलिए तत्काल चिकित्सक के पास जाएं और अपनी जांच कराएं।

डा. बताते हैं कि कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति में पूरे लक्षण सामने आने में 14 दिन तक का समय लग रहा है। इसकी पहचान थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए की जाती है। इससे संक्रमित लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर उनकी लगातार निगरानी की जाती है।

डा. बताते हैं कि अभी यह नहीं कहा जा सकता कि एक पीड़ित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह संक्रमण कैसे पहुंचता है, लेकिन एक वायरस जनित बीमारी है, इसलिए माना जा रहा है कि यह संक्रमित व्यक्ति की छींक, खासी या उसके नाक से बूंद के रूप में गिरने वाले द्रव से फैल रहा है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में दूसरे व्यक्ति को न आने देना ही सर्वोत्तम उपाय है।

डा. अश्विन चौबे के अनुसार कोरोनावायरस से संक्रमति व्यक्ति को पहले बुखार आता है। बुखार में बेहद थकावट महसूस होती है। शरीर में ऐंठन भी हो सकती है। सिर में दर्द शुरू होता है। कुछ दिन बाद मरीज को सूखी खांसी आने लगती है। एक सप्ताह का समय बीतते-बीतते सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

धीरे-धीरे इसका संक्रमण शरीर के अन्य आंतरिक हिस्से पर असर डालने लगता है। मसलन, किडनी, लीवर या शरीर का मेटाबोलिज्म। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर लगातार नजर बनाए रखने वाले डा अश्विन का कहना है कि इससे संक्रमित लोगों की मृत्यु दर बहुत कम है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।

डा. अश्विन का कहना है कि कोरोनावायरस से संक्रमित उन्ही लोगों की मौत होने की सूचना है, जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित रहे हैं या फिर काफी बुजुर्ग हैं।

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