सर्दियों में बनाए मसाला चाय स्वाद के साथ खांसी-जुकाम के लिए भी फायदेमंद

चायकई किस्म में उपलब्ध होती हैं, लेकिन ट्रेडिशनल चाय की जगह पर दूसरी किस्मों जैसे ग्रीन टी, येलो टी, ब्लैक टी आदि को तवज्जो मिलनी शुरू हो गई है।हमारी पारंपरिक चाय में कुछ मसाले मिला देने से वे अन्य की तुलना में अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। मसाला चाय बनाने के लिए जिन मसालों की जरूरत होती है, वे आपके किचन में आसानी से उपलब्ध होते हैं, जैसे लौंग, इलायची, अदरक, दालचीनी, तुलसी और चायपत्ती। चाय में इस्तेमाल इन सभी मसालों के यूं तो अपने-अपने फायदे हैं, लेकिन जरा सोचिए कि इन सबके साथ मिल जाने से ये फायदे किस हद तक बढ़ सकते हैं। जानते हैं कि मसाला चाय किस तरह अधिक लाभकारी साबित हो सकती है।

एंटी इंफ्लेमेट्री गुण
मसाला चाय के मसाले शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने में कारगर हैं। अदरक और लौंग इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण हैं। 15 मिनट तक पानी में उबाले जाने के कारण इन मसालों के सारे गुण पानी में मिल जाते हैं। ये दोनों मसाले दर्द से निजात दिलाने में मददगार होते हैं।

थकान करे दूर
अगर आप दिन-भर के थके हैं, तो एक कप मसाला चाय से सारी थकान दूर हो सकती है। इसमें मौजूद टैनिन शरीर को राहत देने के साथ ही उसे फिर से सामान्य करने में मदद करता है।

 कैंसर का खतरा होता है कम 
चाय में पड़ने वाले आम मसाले जैसे इलायची, अदरक और दालचीनी में ऐसे एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जिनमें कैंसर रोधक विशेषताएं होती हैं। कैंसर ऐसी विद्रोही कोशिकाओं के कारण होता है, जो आकार और संख्या में लगातार बढ़ती जाती हैं। अगर इन मसालों को नियमित तौर पर लिया जाए, तो पेट में होने वाले कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता है।

जुकाम-खांसी से बचाए
सर्दियों में जुकाम-खांसी से बच पाना किसी चुनौती से कम नहीं। मसाला चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल हमारी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते है। अदरक रोग से लड़ने की हमारी क्षमता के लिए फायदेमंद होता है। अगर जुकाम है, तो मसाला चाय आपको गर्म रखने में भी मददगार होती है।

पीएमएस करे दूर
दालचीनी और अदरक माहवारी से पहले होने वाले सिंड्रोम (पीएमएस) के कारण होने वाले दर्द को दूर करने और हार्मोन में संतुलन बनाने में मदद करते हैं। इस समय जब गर्म पानी की बोतल से सिकाई से राहत न मिले तो चाय की चुस्की मदद कर सकती है।

चयापचय शक्ति बढ़ाए
चाय में इस्तेमाल होने वाले मसालों का नियमित सेवन पाचन और पैंक्रियाज में एंजाइम्स को स्टिमुलेट करता है। इससे ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है।

डायबिटीज की आशंका करे कम
यह डायबिटीज के दूसरे प्रकार की रोकथाम के लिए मददगार होती है। साथ ही कुछ समय के लिए यह चीनी की लालसा को भी कम करती है। इन फायदों के लिए दो कप मध्यम से कड़क चाय का प्रतिदिन सेवन जरूरी है।

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