महाकुंभ: हरिद्वार में निकली निरंजनी अखाड़े की भव्य पेशवाई, हेलीकॉप्टर से हुई फूलों की बारिश

हरिद्वार महाकुंभ के क्रम में बुधवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की भव्य पेशवाई निकाली गई। इस दौरान बड़े-बड़े ढोल और गाजे-बाजे के साथ पेशवाई का स्वागत किया गया। संत और महंतों पर फूलों की बारिश हुई। ऊंट, हाथी, चांदी के सिंहासन और रथ पेशवाई के मुख्य आकर्षण रहे। पेशवाई में देवभूमि की संस्कृति की झलक दिख रही है और कोविड से बचाव का संदेश भी दिया जा रहा है।एसएमजेएन पीजी कॉलेज में श्री निरंजनी अखाड़े की अस्थायी छावनी में संतों और रमता पंचों ने डेरा डाला है। बुधवार को धूमधाम से अखाड़े की पेशवाई निकली जा रही है। इसके लिए चांदी के सिंहासन, रथ, सजावट की सामग्री मंगलवार को हरिद्वार पहुंच गईं थीं। पेशवाई का नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद कर रहे हैं। अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि पेशवाई में शामिल संतों पर एक हेलीकॉप्टर और दो ग्लाइडर से पांच कुंतल फूलों की बारिश की गई। इसके लिए बिजनौर और मंगलौर से गुलाब के फूल मंगवाए गए थे। कनखल में हेलीकॉप्टर फूल बरसाए गए। इसके बाद शिव मूर्ति चौक के पास फूलों की बारिश हुई। वहीं 25 बैंडबाजों में 100 लोगों की टीम भी है।

बैंडबाजों की टीम में 50 महिलाएं और 50 पुरुष शामिल हैं। पेशवाई के दाैरान संत मास्क पहनकर कोविड से बचाव का संदेश दे रहे हैं। शाम छह बजे पेशवाई निरंजनी अखाड़े के पास पार्किंग स्थल में बनी स्थायी छावनी में प्रवेश करेगी।

वहीं पेशवाई में उत्तराखंड के प्रसिद्ध नंदा राजजात के भी दर्शन हो रहे हैं। श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा के सचिव श्रीमंत रविंद्र पुरी ने कहा कि पेशवाई में दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल उत्तराखंड के लोक कलाकार हरिद्वार की सड़कों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

कुमाऊं का छोलिया नृत्य, गढ़वाल एवं जौनसार की सांस्कृतिक टीमें पेशवाई का आकर्षण हैं। डमरू की थाप पर नागा संन्यासी भोलेनाथ का तांडव नृत्य करते हुए चल रहे हैं। सहारनपुर, हापुड़, देहरादून, नासिक के बैंड बाजों की गूंज है।

पेशवाई सुबह करीब साढ़े दस बजे एसएमजेएन पीजी कॉलेज की अस्थायी छावनी से रवाना हुई। सभी संत-महंतों ने दही-चावल और बूरा खाकर शगुन किया। शाम छह बजे पेशवाई अखाड़े की छावनी में प्रवेश करेगी।
 

एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे कुंभ मेले के दौरान न तो कोई नई ट्रेन चलेगी और न ही दूसरे राज्यों की नई बसें। उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में यह तथ्य सामने आया। इसके मुताबिक, रेलवे बोर्ड और आसपास के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बाबत पत्र भेजा गया है। ताकि कोविड के मद्देनजर मेले के दौरान भीड़ को नियंत्रण में रखा जा सके। 

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को मुख्य सचिव ने एक पत्र भेजा है, जिसमें कुंभ मेले के दौरान कोई भी नई ट्रेन न चलाने का निवेदन किया गया है। साथ ही 12 अप्रैल और 14 अप्रैल को शाही स्नानों में हरिद्वार आने वाले ट्रेनों की अनुमति इन तारीखों को और इन तारीखों से एक दिन पहले न दिए जाने और केवल निकासी के मकसद से पर्याप्त संख्या में आउटबाउंड ट्रेनों का संचालन करने का अनुरोध किया गया है।

कुंभ मेले के दौरान इन सभी राज्यों से कोई भी विशेष बस सेवा संचालित न की जाए यह भी अनुरोध किया गया है। राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि जो श्रद्धालु कुंभ मेले में आएं, वह स्वास्थ्य जांच कराने के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर ही आएं।

सरकारी और प्राइवेट घाट पर स्नान के लिए छह फीट की दूरी रखनी अनिवार्य होगी। गंगा नदी पर 18 किलोमीटर घाटों पर कुल 10 लाख 80 हजार व्यक्ति ही स्नान कर सकते हैं। 

मेला क्षेत्र में विभिन्न होटलों, आश्रमों, अखाड़ों में करीब साढ़े पांच लाख आवास की क्षमता है। मेला प्रशासन की ओर से करीब 1500 क्षमता के छह रैन बसेरों का निर्माण किया जा रहा है। 18 हजार क्षमता के रात्रि शेल्टरों के निर्माण की भी योजना है।

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