माघ में इन शुभ तारीखों में स्नान करने से मिलेगा चौगुना पुण्य

माघ का महीना भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास और दसवां सौरमास कहलाता है. हिन्दू पंचांग के  अनुसार इसबार माघ महीने की शुरुआत मंगलवार 2, जनवरी से हुई और 31 जनवरी तक ये महीना चलता रहेगा. चुंकि इस महीने का अंत मघा नक्षत्र वाली पूर्णिमा को होता है, इसी कारण से इसको माघ महीना कहा जाता है.

शास्त्रों और पुराणों के अनुसार माघ महीने में पूजा-अर्चना और स्नान ध्यान करने से पुण्य लाभ मिलता है. वैसे तो माघ महीने का हर दिन पर्व के समान जाता है. लेकिन कुछ खास दिनों का खास महत्व भी इस महीने में है…ऐसा माना जा रहा है कि इस साल माघ महीने की सात तिथियां ऐसी हैं जिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने से तकदीर बदल सकती है. आमतौर पर माना जाता है कि माघ महीने के दौरान आदमी को कम से कम एक बार किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए. लेकिन इस बार तो ऐसा संयोग बन रहा है कि आप एक-दो नहीं पूरे सात दिन पवित्र डुबकियां लगाकर अक्षय पुण्य और शुभ फलों को हासिल कर सकते हैं…

तो अब हम आपको बताते हैं कि आखिर वो खास तिथियां कौन-कौन सी हैं जब स्नान करने और पूजा-अर्चना करने से आपके जीवन में सौभाग्य आ सकता है

इस बार माघ महीने की पहली सबसे महत्वपूर्ण तिथि पड़ रही है शुक्रवार 12 जनवरी को षटतिला एकादशी है. इस दिन तिल के जल से स्नान किया जाता है, तिल का ही उबटन लगाया जाता है, तिल से ही हवन होता है और  तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन एवं तिल का दान करने का काफी अच्छा फल मिलता है. माना जाता है कि षटतिला एकादशी पर तिल-स्नान से सभी पापों का नाश होता है.

माघ महीने की अगली महत्वपूर्ण तिथि रविवार,14 जनवरी है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति भी मनाई जाती है. हालांकि इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने पर कुछ ज्योतिषीय मतभेद हैं. लिहाजा देश के कुछ इलाकों में 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति मनाई जा सकती है. मकर संक्रांति के दिन पवित्र स्नान के बाद तिल का दान करना चाहिए और खाने में तिल से बने पकवान जरूर शामिल करने चाहिए.

माघ महीने की तीसरी शुभ तिथि है मंगलवार,16 जनवरी. इस दिन माघी अमावस्या है. जिसे कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या भी कहा जाता है. यह तिथि भी अत्यंत पवित्र होती है. यह पितरों के लिए तर्पण करने का दिन है. माना जाता है कि इस दिन त्रिवेणी संगम या गंगा तट पर स्नान करना चाहिए. और स्नान के बाद तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, वस्त्र वगैरह का दान करना चाहिए.

 

इस बार माघ महीने की चौथी शुभ तिथि सोमवार, 22 जनवरी को पड़ रही है. यह दिन बसंत पंचमी का है. इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा होती है. और माना जाता है कि इस तिथि पर माता सरस्वती को केसरिया चावल का भोग लगाने से विशेष फल मिलता है.

माघ महीने की अगली महत्वपूर्ण तिथि बुधवार, 24 जनवरी को है. इस दिन अचला सप्तमी है. इस दिन सूर्य देव को जल चढ़ाकर विशेष पूजा करने की मान्यता है. अचला सप्तमी का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था. कहा जाता है कि इस तिथि पर स्नान-दान, पितरों के तर्पण, भगवान सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति बैकुंठ में जाता है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से साल भर रविवार के दिन रखे व्रतों के बराबर पुण्य मिलता है.

इस बार माघ महीने की एक और खास तिथि है शनिवार, 27 जनवरी. इस दिन जया एकादशी है,जिसे भीष्म एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन सूर्यास्त के समय तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए और भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान और पूजा से आदमी के सब पाप कट जाते हैं.

और इस बार माघ की आखिरी सबसे महत्वपूर्ण तिथि है बुधवार, 31 जनवरी. इस दिन पूर्णिमा है और चंद्र ग्रहण भी रहेगा. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके गरीबों को दान करने का बेहद सुंदर फल मिलता है..

माघी पूर्णिमा का महत्व सबसे ज्यादा माना गया है. माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होकर अमृत की वर्षा करते हैं. इसके अंश पेड़-पौधों, नदियों, और जलाशयों में होते हैं. इसलिए इनमें सारे रोगों से मुक्ति दिलाने वाले गुण पैदा होते हैं. यह भी माना जाता है कि माघ पूर्णिमा में स्नान और दान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़े दोषों से मुक्ति मिलती है.

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