जानें क्यों नीतीश के लिए लकी साबित हुआ 7 नंबर, जानें क्या हैं कनेक्शन

‘सुशासन बाबू’ के नाम से मशहूर नीतीश कुमार के हाथ में राज्य की कमान होने जा रही है. महागठबंधन को मात देने के बाद एनडीए ने महाजीत हासिल की, बीजेपी बड़ी पार्टी बनी लेकिन सीएम पद पर नीतीश ही बैठेंगे.

ये सातवीं बार होगा जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इतना ही नहीं अगर आंकड़ों के खेल को देखें, तो नीतीश कुमार के लिए 7 नंबर ही काफी लकी साबित हो रहा है. चुनाव के नतीजे हो या फिर नतीजे आने की तारीख, हर आंकड़े में 7 का संयोग बनता दिख रहा है.

नीतीश के लिए लकी हुआ 7 …

बिहार के सुशासन बाबू इस वक्त अपनी जिंदगी के 70वें पड़ाव पर हैं, उनका जन्म 1 मार्च, 1951 को हुआ था.

नीतीश सातवीं बार बिहार के सीएम बनने जा रहे हैं, सबसे पहले उन्होंने 2000 में सीएम पद की शपथ ली थी. उसके बाद 2005, 2010, 2015, 2015, 2017 में शपथ ले चुके हैं.

बिहार में इस बार नतीजों की तारीख का नंबर भी 7 से मेल खाता है, 10-11-2020 को नतीजे घोषित किए गए. अगर इनमें संख्याओं को जोड़ दें तो टोटल ही होता है.


जदयू ने इस बार विधानसभा चुनाव में कुल 43 सीटें जीतीं और एनडीए में दूसरे नंबर की पार्टी बनी. 4+3 भी ही होता है.

अब जब नीतीश की अगुवाई में सरकार बन रही हो तो शपथ ग्रहण की तारीख भी सामने आ गई है. नीतीश कुमार 16 नवंबर को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. यानी यहां भी 1+6 = हो रहा है.

गौरतलब है कि इस बार नीतीश कुमार के लिए चुनाव काफी खास रहा. सभी सर्वे में उनकी हार की बात कही जा रही थी, इसके अलावा लंबे वक्त से सरकार में होने के कारण एंटी इनकंबेंसी भी हो रही थी, लेकिन बीजेपी के सहयोग से नीतीश कुमार फिर सीएम बनने जा रहे हैं. इस चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि ये उनका अंतिम चुनाव है, ऐसे में अंत भला तो सब भला.

साफ है कि नीतीश कुमार के लिए चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान भले ही कितनी मुश्किलें आई हों, लेकिन अंत में उनके लिए सबकुछ ठीक ही हो गया. इस बार गठबंधन में जदयू छोटा भाई है, ऐसे में बीजेपी के कुछ नेताओं ने भाजपा का सीएम बनने की मांग की थी. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे.

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