जानें क्या हैं इन 300 साल पुरानी डरावनी परछाइयों का रहस्य, अब तक कोई भी नहीं लगा पाया पता…

कैलिफोर्निया में लोग ढेर सारी परछाइयों से परेशान हैं. ये परछाइयां हैट और जैकेट जैसे लबादे में सैंटा लूसिया माउटेंस पर घूमती या लोगों की तरफ देखती दिख जाती हैं. कई बार तो आसमान में उड़ती नजर आती हैं. कुछ सेकेंड्स तक दिखने के बाद ये गायब हो जाती हैं. पिछले 300 सालों से इस पहाड़ पर जाने वाले हाइकर्स इन्हें देख रहे हैं. अपनी रिपोर्ट में इनका जिक्र कर रहे हैं, लेकिन अब तक ये परछाइयां अनसुलझा रहस्य हैं.

इन परछाइयों को कैलिफोर्निया में डार्क वॉचर्स कहते हैं. ये धुंधले होते हैं, कई बार 10 फीट लंबे और ज्यादातर हैट या टोपी लगाए हुए जैकेट पहने हुए दिखते हैं. आमतौर पर ये दोपहर या उसके बाद अंधेरा होने से पहले तक दिखाई देते हैं. 

कैलिफोर्निया के सैंटा लूसिया माउंटेंस के पहाड़ियों पर जो लोग पिछले 300 सालों से हाइकिंग के लिए गए या जाते रहे हैं. उन्होंने इन डार्क वॉचर्स के बारे में कई बार रिपोर्ट दी है. उनके बारे में बताया है. हालांकि अभी तक इन डार्क वॉचर्स ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया.

डार्क वॉचर्स (Dark Watchers) शब्द का उपयोग स्पैनिश हाइकर्स ने किया था, जब वो पहली बार साल 1700 में सैंटा लूसिया माउंटेंस पर हाइकिंग के लिए गए थे. उसके बाद इस इलाके में एंग्लो-अमेरिकन लोग रहने लगे. इन लोगों को भी ये परछाइयां दिखाई पड़ीं. उनकी मौजूदगी महसूस हुई. 

प्रसिद्ध अमेरिकन लेखक जॉन स्टीनबेक ने भी डार्क वॉचर्स को देखा और महसूस किया था. उसके बाद उन्होंने 1938 में अपनी कहानी ‘फ्लाइट’ में इन परछाइयों का जिक्र किया था. स्टीनबेक ने लिखा था कि कोई नहीं जानता कि ये डार्क वॉचर्स कहां से आते हैं. कौन हैं. इनका इतिहास क्या है. ये कहां रहते हैं. पर अच्छा यही है कि आप उन्हें नजरअदांज करें. उनमें रुचि नहीं दिखाएं.

कुछ मानसिक एक्सपर्ट मानते हैं कि डार्क वॉचर्स जैसी कोई चीज नहीं है. ये पहाड़ पर रोशनी और अंधेरे की वजह से बनने वाली आकृतियों को लोग डरावनी परछाइयां समझ लेते हैं. ये उनके दिमाग का वहम मात्र है. ये पैरीडोलिया का केस है.

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये परछाइयां पहाड़ की स्थिति, रोशनी, बादलों की वजह से बनता है. जिसे लोग डार्क वॉचर्स कहने लगे हैं. ये दोपहर और उसके बाद इसलिए दिखते हैं क्योंकि सूरज की पोजिशन ऐसी होती है, जिससे ये परछाइयां बनने लगती हैं.

ऐसी ही कहानियां हार्ज माउंटेन के पास रहने वाले जर्मनी के स्थानीय लोग भी सुनाते हैं. वो कहते हैं कि उन्हें भी सैकड़ों सालों से ब्रोकेन पीक पर ऐसे डार्क वॉचर्स दिखाई देते आए हैं. लेकिन आमतौर पर ऐसा तब होता है, जब पहाड़ के ऊपर बादल होते हैं और सूरज विपरीत दिशा में होता है.

कुछ परछाइयों के ऊपर सतरंगी हैलो भी दिखता है. ये पानी की बूंदों से परावर्तित होकर सूरज की रोशनी की वजह से बनता है. हार्ज माउंटेन पर यह प्रक्रिया बेहद सामान्य है. क्योंकि वहां धुंध, बादल और कोहरे की वजह से हमेशा ओस की बूंदें जमा रहती हैं. 

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