ये है भारत का आखिरी गाँव जहाँ हुई थी महाभारत की रचना
जब आप दिल्ली से हरिद्वार के लिए चलेंगे तो नेशनल हाइवे 58 पर आपको कई जगह माइलस्टोन पर एक नाम लिखा मिलेगा. वह नाम है माणा या माना.
माणा या माना चमोली जिले का और भारत का इस दिशा में आखिरी गाँव है इसलिए ये इतना ज्यादा प्रसिद्ध है. बद्रीनाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर माणा गांव जहां पर है उससे आगे माना पास है. इस माणा गांव से 25 किलोमीटर है भारत -तिब्बत बॉर्डर.
लेकिन ये माणा गांव का पूरा परिचय नहीं है. यहां पर आपको व्यास गुफा, गणेश गुफा और भीम पुल या भीम शिला दिखाई पड़ेंगे. नाम से ही आपको आभास हो जाएगा कि इन स्थानों का महाभारत की पौराणिक कथा से कोई न कोई संबध अवश्य रहा होगा. व्यास गुफा के बारे में ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास जी ने यहाँ रहकर वेद, पुराणों एवं महाभारत की रचना की थी और भगवान गणेश उनके लेखक बने थे.
ऐसी मान्यता है कि व्यास जी इसी गुफा में रहते थे. वर्तमान में इस गुफा में व्यास जी का मंदिर बना हुआ है. व्यास गुफा में व्यास जी के साथ उनके पुत्र शुकदेव जी और वल्लभाचार्य की प्रतिमा है. इनके साथ ही भगवान विष्णु की भी एक प्राचीन प्रतिमा है.