पत्ता गोभी खानें के फायदे जानकर चौक जाएंगे आप…

पत्ता गोभी और पालक दोनों ही फाइबर, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर हैं. इन दोनों के गुणों में समानताओं के बाद भी दोनों अलग हैं और इसके सेहत को मिलने वाले फायदों  में भी अंतर है. तो इन दोनों में किसे खाने से आप अधिक फायदे में रहेंगे जानें.

पत्ता गोभीः  

पत्ता गोभी सब्जियों के ब्रैसिका जीनस से संबंधित है और लाल, सफेद, हरे और बैंगनी जैसे कई रंगों में होती है.यह विटामिन और खनिजों से भरपूर है और लेटस  यानी सलाद पत्ते की तरह दिखती है. इसका इस्तेमाल कई डिश जैसे किमची, खट्टी गोभी बनाने में किया जाता है.विटामिन सी से भरी गोभी कोलीज़न के बनाने में मदद करती है. यह इम्यूनटी बढ़ाती है और हड्डियों की सेहत में सुधार करती है. विटामिन सी शरीर को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है.यह कैल्शियम और पोटैशियम जैसे फाइबर और मिनरल्स का खजाना है. इसमें पॉलीफेनोल और सल्फर कम्पाउंड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं. विटामिन -के से भरपूर पत्तागोभी खून के थक्के जमाने और हड्डियों में कैल्शियम बनाए रखने के लिए जरूरी है. अंडर-एक्टिव थायरॉइड ग्रंथि यानी हाइपोथायरायडिज्म वालों लोगों को पत्ता गोभी न खाने की सलाह दी जाती है.

पालकः  

पालक के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं क्योंकि इसमें क्लोरोफिल, कैरोटीनॉयड्स जैसे ल्यूटिन, बीटा कैरोटीन और ज़ेक्सैन्थिन होते हैं. ये कैरोटिनॉयड्स आंखों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और इसमें एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं.

यह मैग्नीशियम, मैंगनीज, कैल्शियम और आयरन के साथ-साथ विटामिन ए, बी 2, सी और ई से भरपूर होता है. इसमें विटामिन- के भी अच्छी मात्रा में होता है जो हड्डियों को सेहतमंद रखता है.

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर पालक भी शरीर को फ्री रैडिकल से होने वाले  खतरों से बचाता है और प्री मैच्योर एजिंग होने से रोकता है. यह आवश्यक पोषक तत्वों के साथ भरपूर है जो स्किन को चमकदार और सेहतमंद बनाए रखने में मदद करता है. हालांकि पालक में अधिक मात्रा में ऑक्सालेट (Oxalate) होता है गुर्दे की पथरी वाले ऑक्सालेट के इतिहास वाले लोगों को इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए

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