जानें कब हुआ था भगवान श्रीराम का माता सीता के साथ विवाह, जानें शुभ मुहूर्त

मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का धूमधाम से विवाह हुआ था। इस वजह से हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को राम विवाह महोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को विवाह पंचमी के नाम से भी जानते हैं। इस साल विवाह पंचमी या राम विवाह उत्सव 19 दिसंबर (शनिवार) को है।  विवाह पंचमी के दिन जनकपुर और अयोध्या समेत देश के कई हिस्सों में राम विवाह उत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की बारात निकाली जाती है और माता सीता के साथ विवाह कराया जाता है।

विवाह पंचमी मुहूर्त-

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 18 दिसंबर (शुक्रवार) को दोपहर 2 बजकर 22 मिनट पर हो रहा है। पंचमी तिथि 19 दिसंबर (शनिवार) को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। ऐसे में विवाह पंचमी उदया तिथि पर 19 दिसंबर को मनाई जाएगी।

विवाह पंचमी का महत्व-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक अपनी बेटी सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं। स्वयंवर की सूचना मिलने पर भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ भी शामिल हो जाते हैं। सभा में मौजूद एक-एक करके कई योद्धा शिव धनुष को तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल रहते हैं। तब भगवान राम शिव धनुष को तोड़ते हैं और माता सीता उन्हें वरमाला पहनाकर अपना वर चुनती हैं। इसके बाद यह शुभ समाचार मिथिला से अयोध्या जाता है। जिसके बाद राजा दशरथ, भरत और शत्रुघ्न के साथ बारात लेकर आते हैं। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम और माता सीता का विवाह होता है।

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