जानिये दिल्ली-एनसीआर के शहरों में कब होगा चांद का दीदार और सुहागिन महिलाएं व्रत खोलेंगी….

हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में शुमार करवा चौथ रविवार को दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे देशभर में मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाए जाने वाले करवा चौथ पर शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए कठिन व्रत रखती हैं। इस बार करवा चौथ का व्रत रविवार को रखा जा रहा है। हिंदु मान्यता के अनुसार, इस बेहद कठिन व्रत में सुहागिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। करवा चौथ के व्रत के दौरान शाम के समय शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस व्रत को खोलने के क्रम में शाम को चांद दर्शन के बाद व्रत का समापन होता है। आइये यहां जानते हैं कि राजधानी दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में कब होगा चांद का दीदार और सुहागिन महिलाएं व्रत खोलेंगी।

सामान्य तौर पर सुहागिन महिलाएं इस व्रत के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव के साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूजा करती हैं। महिलाएं पति को छलनी से देखती हैं। इसके बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाता है।

दिल्ली-एनसीआर के शहरों में चांद निकलने का समय

  •  दिल्ली में शाम 8 बजकर 08 मिनट मिनट पर चांद निकलेगा।
  •  नोएडा और गाजियाबाद में चांद निकलने का समय रविवार शाम 8 बजकर 7 मिनट होगा।
  • गुरुग्राम और में रविवार शाम 8 बज कर 8 मिनट पर चांद नजर आएगा।
  • मेरठ में चांद 8 ूबजकर 5 मिनट पर निकलेगा।
  • लखनऊ में 7 बजकर 55 मिनट पर चांद दिखेगा।
  • आगरा में चांद निकलने का समय रविवार को शाम 8 बजकर 7 मिनट है।
  • अलीगढ़ में चांद निकलने का समय शाम 8 बजकर 6 मिनट होगा।
  • गोरखपुर में चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 47 मिनट है।
  • मथुरा में चांद निकलने का समय रविवार शाम 8 बजकर 8 मिनट है।

करवा चौथ के कठिन व्रत के क्रम में सबसे पहले सुहागिन महिलाएं इस दिन सुबह नित्य कर्म कर पूरे मन से व्रत का संकल्प लेती हैं। घर और मंदिर आदि की साफ- सफाई कर ज्योत जलाई जाती है। इसी क्रम में घर में देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना भी की जाती है। इस रोज खासतौर से शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है। इस क्रम में सबसे पहले महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं। वहीं, किसी भी शुभ काम को शुरू करने के क्रम में भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसके बाद करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। अंतिम चरण में चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखा जाता है। इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।

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