जानें शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर, पढ़े ये… कथा

शिवरात्रि के साथ महा शब्द जुड़ने पर इसका महत्व और बढ़ जाता है। हिंदू धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं। लेकिन किसी भी त्योहार के आगे महा शब्द नहीं जोड़ा जाता है। शिवरात्रि एक मात्र ऐसा त्योहार है जिसके आगे महा शब्द लगाया जाता है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च 2021 को मनाया जाएगा। जानिए शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर होता है-
 
शिवरात्रि क्या होती है?

शास्त्रों में सोमवार और प्रदोष का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है। इसे प्रदोष भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब प्रदोष श्रावण महीने में आता है तो बड़ी शिवरात्रि मनाई जाती है। श्रावण महीने की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि का अर्थ-

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इस दिन को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा जाता है। कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

महाशिवरात्रि को लेकर शिवपुराण में वर्णित है ये कथा-

शिवपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, सृष्टि के रचना के समय भगवान विष्णु और ब्रह्मा में विवाद हो गया। तब दोनों की देवों की सुलाह कराने के लिए भगवान शिव ने एक अग्नि स्तंभ का रूप लिया था। फिर स्तंभ से भगवान शिव ने दर्शन दिए थे। उसी दिन से भगवान शिव का ये दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाने लगा।

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