जान लीजिए प्रेग्नेंसी से जुड़े नहाने के कुछ खास नियम…
शरीर को साफ रखने और फ्रेश महसूस करने का सबसे आसान तरीका है नहाना. नहाने से व्यक्ति खुद ब खुद थकावट से मुक्त हो जाता है और फ्रेश महसूस करता है. आप कई तरह से नहा सकते हैं जैसे कि कई लोग शावर के नीचे खड़े होकर नहाने के मजा लेते हैं जबकि कई लोगों को बाथटब में लेटकर नहाने में मजा आता है. वहीं कुछ लोग नल से बाल्टी में पानी भरकर नहाते हैं. लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को नहाने पर भी विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. प्रेग्नेंसी में अगर आप लंबे समय तक बाथ टब में बैठकर आराम करना चाहती हैं या कभी-कभी गर्म पानी से नहाना चाहती हैं तो यहां आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. वहीं आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि प्रेग्नेंसी में नहाना बच्चे के लिए सुरक्षित होता है या नहीं या आपको कुछ बदलाव करने की जरूरत है.नहाने से शरीर रिलैक्स होता है और ये थकी हुई मांसपेशियों को भी आराम पहुंचाता है. इसलिए प्रेग्नेंसी में रोज नहाने से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन पानी गर्म नहीं होना चाहिए.
गर्म पानी में नहाने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिससे मां और बच्चे को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. इसी तरह स्टीम बाथ, सॉना बाथ, हॉट टब बाथ भी प्रेग्नेंसी में लेने से बचने चाहिए. आइए आपको बताते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान नहाने को लेकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप और आपका शिशु सुरक्षित रहे.
प्रेग्नेंसी में कैसे नहाएं
आप प्रेग्नेंसी में रोज नहा सकती हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए, वरना ब्लड प्रेशर लो हो सकता है और कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं. इससे बच्चे में कोई जन्मजात विकार भी हो सकता है. लो ब्लड प्रेशर से गर्भावस्था की पहली तिमाही में मिसकैरेज भी हो सकता है. जानिए कि प्रेग्नेंसी के तीन सेमेस्टर में नहाने को लेकर किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही का समय बहुत नाजुक होता है क्योंकि इस दौरान बच्चे के अंग विकसित होने शुरू हुए होते हैं और ऐसे में शरीर का तापमान बढ़ने पर कॉम्प्लीकेशन्स या जन्मजात विकार हो सकते हैं. इन तीन महीनों में नहाने के लिए नल का पानी या गुनगुना पानी का ही इस्तेमाल करें और ज्यादा लंबे समय तक पानी में न रहें. नहाने के लिए ऑर्गेनिक और कैमिकल फ्री प्रोडक्ट का प्रयोग करें. पानी का तापमान 102 डिग्री से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही
इस समय तक बच्चे का काफी विकास हो चुका होता है और गर्भवती महिला का पेट भी बाहर निकल चुका होता है. अगर डॉक्टर रोज नहाने के लिए मना करते हैं तो उनकी बात जरूर मानें. ज्यादा लंबे समय तक शॉवर न लें क्योंकि इससे वजाइनल इंफेक्शन भी हो सकता है. वहीं, अगर आपको प्रेग्नेंसी में पैरों में दर्द है तो आप गर्म पानी से नहाने की बजाय अपने पैरों को गर्म पानी में कुछ देर के लिए डुबोकर रख सकती हैं.
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में शरीर में दर्द और ऐंठन रहती है. इस समय नहाने से बहुत आराम मिलता है. इस दौरान महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और उन्हें चलने में दिक्कत हो सकती है. ऐसे में बाथरूम जाने के लिए किसी की मदद जरूर लें.