जानिए बदल रहे मौसम में कमजोर प्रतिरोधक छमता वाले कैसे करें काबू, महिलाओं के लिए खास

मौसम बदल रहा है। दिन में गर्मी और रात में सर्दी का एहसास भले ही लोगों को बेचैन कर रहा हो, लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ये मुसीबत बन सकता है।

जानिए बदल रहे मौसम में कमजोर प्रतिरोधक छमता कैसे करें काबू, महिलाओं के लिए खास

जानकारों की मानें तो इस मौसम की वजह से एलर्जी सबसे ज्यादा होती है। बच्चों और बुजुर्गों को एलर्जी का विशेष खतरा रहता है। इसलिए डॉक्टर इन्हें मौसम के बदलाव के वक्त सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। 

दिल्ली गेट स्थित लोकनायक अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल कोचर कहते हैं कि एलर्जी किसी को भी, कभी भी हो सकती है। ठीक इसी तरह मौसम की वजह से भी लोगों को एलर्जी हो सकती है।

जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उन्हें संक्रमण फैलाने वाले वायरस का खतरा ज्यादा रहता है। ये वायरस मौसम के बदलाव के वक्त ज्यादा सक्रिय रहते हैं। उनके अस्पताल में हर दिन 30 से 40 नए मरीज इस तरह की परेशानी लेकर पहुंच रहे हैं।

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अंगुलियां लाल होने पर गर्म पानी में नहीं डालें

डॉ. पूनम का कहना है कि इस मौसम में अक्सर अंगुलियों में सूजन आनी शुरू हो जाती है। ब्लड सप्लाई कम होने से दर्द आने पर गर्म पानी में अक्सर लोग हाथ डाल लेते हैं।

ऐसा करने से अक्सर लोगों को राहत मिलती है, लेकिन अचानक से ब्लड सर्कुलेशन होने पर अंगुलियों में इंजरी हो सकती है। दस्ताने पहनें, ताकि एकदम ब्लड सप्लाई नहीं हो पाए। जिन्हें हाइपोथायराइड बीमारी है। वे विटामिन ए की मात्रा ज्यादा ले लेते हैं। 

गाल पर तितली का निशान

कालरा अस्पताल के डॉक्टर आरएन कालरा का कहना है कि मौसम में बदलाव के साथ अक्सर महिलाओं के गाल पर तितली जैसा निशान उभर आता है। जिसे ल्युपस बीमारी का संकेत है।

ये महिलाओं में ज्यादा होती है। इस ऑटोइम्युन बीमारी में इम्युन सिस्टम हमारे स्वस्थ ऊत्तकों पर हमला करता है। इस बीमारी की जांच करना मुश्किल है। लेकिन यह लाइलाज बीमारी नहीं है। इलाज से इसके लक्षणों में कमी और नियंत्रण करना संभव है। 

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