केजरीवाल ने किया गणतंत्र दिवस पर बड़ा ऐलान, 10 लाख लोगों को….

 देश की राजधानी दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (25 जनवरी) को सचिवालय में तिरंगा झंडा फहराकर गणतंत्र दिवस मनाया. इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि उम्‍मीद है कि इस साल कोरोना वायरस से मुक्ति मिल जाएगी. यह एक बहुत ही मुश्किल दौर था. सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘लोगों की नौकरियां गईं. टैक्‍स कलेक्‍शन न होने से सरकार के समक्ष भी मुश्किल आन पड़ी थी. हमलोग इस उहापोह में थे कि अपने कर्मचारियों वेतन कैसे देंगे.’ उन्‍होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि इस सबके बावजूद दिल्‍ली सरकार ने 10 लाा लोगों के लिए दोपहर और रात के वक्‍त के भोजन का प्रबंध किया और 1 करोड़ लोगों को हर महीने सूखा राशन भी बांटा.


केजरीवाल ने भाषण में कहा कि दिल्ली के लोगों और सरकार ने मिलकर कोरोना महामारी का सामना किया. न्यूयॉर्क में अप्रैल के पहले हफ्ते में 6300 केस आए. वहां 6300 केस में भी न्यूयॉर्क का सारा हेल्थ सेक्टर कॉलेप्स कर गए. वहां अस्पतालों में जगह नहीं थी. कॉरिडोर और सड़कों पर मरीज पड़े थे. केवल न्यूयॉर्क ही नहीं कई विकसित देशों का हाल खराब रहा. दिल्ली में 8 नवंबर को साढ़े 8 हजार केस आए. तब भी बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े थे. दिल्ली सरकार ने पिछले 5 साल में जो स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया है, उसी का नतीजा है कि महामारी में हमने अच्छा मैनेजमेंट किया.

महामारी में लोग भूख से नहीं मर जाए
उन्होंने कहा कि इसमें हेल्थ वर्कर्स का अहम योगदान है. जब दिल्ली में सबसे अधिक केस आए, तभी भी दिल्ली का हेल्थ सिस्टम कॉलेप्स नहीं हुआ. सभी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई. लोगों की नौकरियां चली गईं. दुकानें, मार्केट और फैक्ट्री बंद हो गए. सरकार के पास टैक्स आना बंद हो गया. ऐसे कठिन दौर में भी दिल्ली वालों ने मुसीबत को संभाला. सभी का वेतन दिया. लोगों का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था, तब भी दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ लोगों को हर महीने सूखा राशन दिया गया. 10 लाख लोगों को रोज लंच और डिनर की व्यवस्था की. स्कूलों में रसोई बनाई. हम नहीं चाहते थे कि महामारी में लोग भूख से नहीं मर जाए.अभी तक 3 लाख से अधिक मरीज ठीक हो गए


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान ऑटो-टैक्सी सब चलना बंद हो गए. डाइवर्स के खाते में 5-5 हजार रुपए जमा कराए. पूरी देश में किसी भी राज्य सरकार ने ऑटो और टैक्सी चालकों की सुध नहीं ली. करीब 44 हजार कंस्ट्रक्शन मजदूरों के खाते में 10-10 हजार रुपए जमा कराए. पूरी दुनिया जब कोरोना की दवाई का इंतजार कर रहा था.तब भी हमारे डॉक्टर्स ने प्लाज्मा थैरेपी दुनिया को दी. मुझे गर्व है कि 2 जुलाई को दुनिया का सबसे पहला प्लाज्मा बैंक दिल्ली के आईएलबीएस में बना. अभी तक 4929 लोगों को प्लाज्मा दिया जा चुका है. 5 हजार लोगों की जान बचाई जा चुकी है. कई सारी विकसित देश में स्वास्थ्य सिस्टम खराब थे. तब हमने थोड़े बहुत सिम्टम वाले मरीजों को होम आइसोलेशन इजाद किया. पूरी दुनिया में होम आइसोलेशन दिल्ली में हुआ. जिन मरीजों को डॉक्टर्स की जरूरत नहीं है, उनका इलाज घर में हुआ. डॉक्टर मरीजों को घर जाकर किट देते थे. पूरी दुनिया में हमने घर-घर मरीजों को ऑक्सीमीटर दिए. अभी तक 3 लाख से अधिक मरीज ठीक हो गए. पूरी दुनिया ने होम आइसोलेशन को सीखा. होम आइसोलेशन के साथ सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने मिलकर एक टीम की तरह दिल्ली के लोगों की सेवा की.

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