केदारनाथ के दर्शन लिए पहुंचे पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी व नवजोत सिंह सिदधू

कांग्रेस का नाटकीय घटनाक्रम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। एक दिन पहले सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के फैसलों पर सवाल उठा रहे थे और मुख्यमंत्री ने एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल का इस्तीफे को अस्तित्व में ही नहीं आने दिया। एक दिन बाद ही चन्नी और सिद्धू एक ही हैलीकाप्टर पर बैठकर केदारनाथ के दर्शन करने को चले गए। चन्नी और सिद्धू को एक बार फिर साथ देखकर राजनीतिक गलियारों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सभी यह सवाल ढूंढने में जुट गए कि आखिर रात-रात में ऐसा क्या हो गया कि दोनों नेता एक साथ आने को तैयार हो गए।

सोमवार का दिन पंजाब की राजनीति के लिए खासा अहम था। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली दरों में 3 रुपये यूनिट कटौती कर दी। यह वह मुद्दा था जिसे नवजोत सिंह सिद्धू उठा रहे थे। सिद्धू 3 रुपये युनिट बिजली बिल के जरिये 2022 के चुनाव को लेकर नई धार रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने 3 रुपये यूनिट बिजली के बिल में कटौती कर दी, सिद्धू का मुद्दा ही छीन लिया।

इसके बाद सिद्धू ने पैतरा बदला और सवाल खड़े कर दिए कि मुख्यमंत्री जो मुफ्त की घोषणाएं कर रहे हैं, उसके लिए फंड कहां से आएगा। यही नहीं, सिद्धू के दबाव में एक बारगी एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल का इस्तीफा हो ही गया था, जिसे कैबिनेट में मंजूर भी कर लिया जाता, लेकिन सिद्धू के रुख को देखते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी अड़ गए। उन्होंने इस इस्तीफे को अस्तित्व में ही नहीं आने दिया।

देर रात तक चलती रही माथा पच्ची, सुबह चल दिए केदारनाथ

दोनों नेताओं के बीच हुए चूहे बिल्ली के खेल से कांग्रेस पार्टी की जान सांसत में आ गई। जिसके बाद देर शाम तक बैठकों का दौर चला। इन बैठकों में कैबिनेट मंत्री व सिद्धू के करीबी परगट सिंह और पार्टी के नेता व राहुल गांधी के करीबी कृष्णा अल्लावारू भी उपस्थित हुए। सूत्र बताते हैं कि बैठक में एक बार यह बात भी सामने आई कि सिदधू पार्टी छोड़कर किसी अन्य पार्टी में जा सकते हैं। चुनाव के समय में पार्टी छोड़ने की बात को कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पाई। क्योंकि सिद्धू प्रदेश प्रधान के पद से इस्तीफा दे चुके हैं और कांग्रेस की तरफ से किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक उन्होंने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है। ऐसे में कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। कांग्रेस ने चन्नी को मनाया। जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धू को लेकर केदारनाथ के दर्शन को चले गए।

पूर्व प्रभारी हरीश रावत से भी की मुलाकात

केदारनाथ के दर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने पूर्व पंजाब प्रभारी हरीश रावत से देहरादून में मुलाकत की। रावत हमेशा ही से ही सिद्धू के हक में रहे हैं। रावत की वजह से ही सिद्धू न सिर्फ प्रदेश प्रधान बने थे, बल्कि वह कांग्रेस में सक्रिय भी हुए।

जाखड़ ने कसा तंज, हर कोई अपने-अपने पीर को खुश करने में लगा है

देहरादून में रावत, चौधरी, चन्नी और सिद्धू की फोटो ट्वीटर पर डाल कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने तंज किया, राजनीतिक श्रद्धालु… लेकिन हर कोई एक अलग पीर को खुश करने की कोशिश कर रहा है। जाखड़ ने पंजाबी में लिखा, मैं पीर मनावन चली आं, सवाल यह है, केहड़ा (कौन सा) पीर। जाखड़ का ट्वीट अपने आप में कांग्रेस के बीच चल रहे अंतरकलह का खुलासा करता है। क्योंकि क्योंकि हर कोई किसी न किसी को खुश करने में लगा है।

आशु भी पीछे नहीं रहे

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु भी पीछे नहीं रहे। मुख्यमंत्री के पीछे-पीछे आशु पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे कैप्टन संदीप संधू और लुधियाना के विधायक संजय तलवाड़ के साथ चार्टर्ड प्लेन से केदारनाथ के दर्शन के लिए निकल गए। आशु का चार्टर्ड प्लेन से देहरादून जाना चर्चा का केंद्र बन गया। 

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