कसौली मर्डर: SC ने 9 मई तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट, पीड़ित परिवार को 5 लाख का मुआवजा

हिमाचल प्रदेश के सोलन के कसौली में हुए महिला अधिकारी की हत्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है. कोर्ट ने कहा कि इस हत्या की वजह हमारे आदेश की तामील नहीं, बल्कि सरकार, पुलिस और प्रशासन का लचर रवैया है. इन्होंने अवैध कब्जा करने वालों को खुली छूट दे रखी है. उन्हें कानून का डर नहीं है. कोर्ट ने 9 मई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.कसौली मर्डर: SC ने 9 मई तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट, पीड़ित परिवार को 5 लाख का मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का अवैध निर्माण पर कोई नियंत्रण नहीं है. इसके साथ ही कानून-व्यवस्था पर भी कोई ध्यान नहीं है. यही कारण है कि इस तरह की हत्या दिनदहाड़े हो जाती है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. राज्य सरकार ने बताया कि पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है.

इससे पहले महिला अधिकारी की हत्या पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि यह बहुत ही गंभीर मामला है, क्योंकि सरेआम एक अधिकारी की हत्या कर दी जाती है और पुलिस आरोपी को गिरफ्तार तक नहीं कर सकी. कोर्ट ने राज्य सरकार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराने पर फटकार भी लगाई है. सुरक्षा को सरकार की जिम्मेदारी बताई है. बताते चलें कि कसौली में अवैध निर्माण हटाने गई सहायक टाउन प्लानर शैल बाला शर्मा को एक होटल के मालिक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. सहायक टाउन प्लानर अपनी टीम के साथ एक होटल का अवैध निर्माण हटाने गई थीं. इसी दौरान होटल मालिक ने उन पर हमला कर दिया. इसमें एक मजदूर को भी गोली लगी है.

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महिला अधिकारी और उनकी टीम अवैध निर्माण हटाने पहुंचीं तो वहां होटल के स्टाफ और मालिक से उनकी कहासुनी होने लगी. होटल का मालिक विजय ठाकुर अपना आपा खो बैठा और उसने फायरिंग कर दी. इस हमले में महिला अधिकारी को दो गोलियां लगीं. इस वजह से शैल बाला शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई थी.

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