अभी-अभी: इन चार बड़े बैंकों पर टैक्स विभाग ने कसा शिकंजा, अबकी बार एटीएम मशीन में किया घोटाला

देश के चार बड़े पब्लिक सेक्टर बैंकों पर टैक्स विभाग ने एक बड़े घोटाले के चलते अपना शिकंजा कस दिया है। एटीएम मशीन को किराये पर लगाने को लेकर के इन बड़े बैंकों ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के साथ मिलकर धांधली की है।

इन बैंकों, कंपनियों को भेजा नोटिसअभी-अभी: इन चार बड़े बैंकों पर टैक्स विभाग ने कसा शिकंजा, अबकी बार एटीएम मशीन में किया घोटाला
जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट निदेशालय ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, सिंडिकेट बैंक और एनसीआर कार्पोरेशन, एजीएस ट्रांसेक्ट, टाटा पेमेंट सॉल्यूशन व हिताची को नोटिस भेजा है। इन कंपनियों ने ही ज्यादातर बैंकों में अपने एटीएम लगा रखे हैं।

यह हुआ है घपला
इन बैंकों और कंपनियों ने एटीएम मशीन को किराये पर देने के सवाल पर वैट लगाया और गलत टैक्स क्रेडिट लिया। ज्यादातर बैंक एटीएम लगाने के लिए सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को कांट्रैक्ट देते हैं। एटीएम कंपनियों ने बिल जारी करते वक्त वैट भी लगाया और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने की भी कोशिश की थी।

निदेशालय ने तीन तरह की जानकारी मांगी है। पहली, बैंकों को दी जाने वाली सर्विस का प्रकार। दूसरा, इन सर्विस के अदा किया गया सर्विस टैक्स। तीसरा, कांट्रैक्ट की कॉपी और 2013-14 से लेकर के 2016-17 के बीच की सभी वार्षिक रिपोर्ट। यह जानकारी सभी बैंकों और कंपनियों से मांगी गई है।

शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
निदेशालय से नोटिस मिलने के बाद बैंक और कंपनियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कंपनियां और बैंक इस मामले अपना-अपना पल्ला झाड़ रही हैं और एक-दूसरे को गलती के लिए दोषी मान रही हैं।

टैक्स अधिकारियों का कहना है कि बैंकों ने ज्यादातर मामलों में सर्विस टैक्स अदा किया और क्रेडिट भी ले लिया। वहीं कुछ सेवाओं के लिए सर्विस टैक्स लागू नहीं था और केवल वैट देना था। जबकि कुछ सेवाओं पर आंशिक तौर पर वैट देना था।

कांट्रैक्ट देने में हुआ है फ्रॉड
अधिकारियों को मानना है कि बैंकों ने कई सारे ऐसे कांट्रैक्ट किए हैं, जिनमें फ्रॉड करने पर घोटाला होने का संदेह है। अब अधिकारी इस बात की जांच मे लगे हैं, कि क्या सहीं में एटीएम मशीन किराये पर लगाने को लेकर के धांधली हुई है या नहीं।

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