Jio ने एयरटेल और वोडाफोन पर 400 करोड़ रुपये नुकसान का लगाया बड़ा आरोप

अनलिमिटेड डेटा और कॉलिंग की वजह से सुर्खियों में रही रिलायंस जियो ने अब टेलीकॉम डिपार्टमेंट से भारत की बड़ी कंपनियों से पेनाल्टी वसूलने को कहा है. इतना ही नहीं जियो ने भारती एयरटेल, वोडाफोन और आईडिया का लाइसेंस रद्द करने की मांग भी की है. Jio ने एयरटेल और वोडाफोन पर 400 करोड़ रुपये नुकसान का लगाया बड़ा आरोप

मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो इनफोकॉम ने इन टेलीकॉम कंपनियों पर 400 करोड़ कम लाइसेंस फी देने का इल्जाम लगया है. जियो के मुताबिक इन कंपनियों ने जनवरी-मार्च तिमाही में सरकार को लाइसेंस फी में 400 करोड़ रुपये कम दिए हैं.

रिलायंस जियो ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को लिखे लेटर में कहा है, ‘मौजूदा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने सरकार को 400 करोड़ रुपये का संभावित नुकसान पहुंचाया है’

जियो ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम से नियम के उल्लंघन करने पर दूसरी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर कार्यवाई करने को कहा है. इस कार्यवाई में जुर्माने सहित लाइसेंस कैंसिल करने की मांग शामिल हैं.

इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर भारती एयरटेल ने कुछ भी कहने से फिलहाल मना किया है. हालांकि वोडाफोन ने कहा है रिलायंस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जियो के प्रोमोशनल टैरिफ की वजह से सरकार को वित्तिय नुकसान हुआ है.

गौरतलब है कि इससे पहले वोडाफोन और एयरटेल ने रिलायंस जियो के प्रोमोशनल ऑफर्स को लेकर TRAI से शिकायत किया है. मामला कोर्ट तक भी गया. इन कंपनियों का आरोप है कि रिलायंस जियो ने ऐसे ऑफर्स टेलीकॉम इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाया है और आगे इसका असर भी देखने को मिलेगा.

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टेलीकॉम सेकरेटरी जेएस दीपक ने प्रोमोशनल ऑफर्स बंद करने को कहा था
पिछले साल मार्च में टेलीकॉम सेकरेटरी जेएस दीपक ने TRAI को प्रोमोशनल ऑफर्स की अवधि को कम करने के लिए लिखा था. इकोनॉमिक टाइम्स की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक जेएस दीपक ने TRAI से कहा था कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले 90 दिनों वाले प्रोमोशनल ऑफर्स की अवधि को कम करने को कहा है. उन्होंने कहा है कि ऐसे ऑफर्स से सरकार के रेवेन्यू से लगभग 800 करोड़ रुपये लगे हैं और इनसे टेलीकॉम इंडस्ट्री पर भी प्रभाव पड़ा है.

जेएस दीपक ने अपने लेटर में लिखा था, ‘टेलीकॉम सेक्टर और सरकार के रेवेन्यू के हित में टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ पर जल्द से जल्द पुनर्विचार और रीव्यू करने की जरूरत है’

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