Jet Airways कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, बैंक करने वाला है ये बड़ा ऐलान…

कर्ज में डूबी एयरलाइन जेट एयरवेज के जमीन पर खड़े हो जाने के बाद उसके करीब 22 हजार से अधिक कर्मचारियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच उम्‍मीद है कि जेट एयरवेज को कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए बैंक कुछ रकम कर्ज पर दे सकते हैं. बैंकिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने यह जानकारी दी है. वेंकटचलम के मुताबिक यह राशि कर्जदाताओं के संघ द्वारा संकटग्रस्ट जेट एयरवेज के कर्मचारियों के प्रॉविडेंड फंड या ग्रेच्युएटी गिरवी रखकर दी जा सकती है.

विशेष कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने की अपील

बैंक यूनियनों ने बैंकों से जेट एयरवेज के कर्मचारियों के लिए विशेष कर्ज सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की है. इससे पहले बैंक यूनियनों ने पीएम नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा था.  इस पत्र में यूनियन की ओर से सरकार से जेट एयरवेज का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की अपील की गई थी ताकि एयरलाइन के कर्मचारियों के रोजगार को सुरक्षित रखा जा सके. बैंक यूनियनों ने यह भी कहा है कि जेट एयरवेज के कर्मचारियों के बकाया वेतन और कुछ अन्य भुगतानों को चुकाने के लिये बैंक उचित गारंटी के साथ एयरलाइन को खास तरह की कर्ज सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं.

एयर इंडिया की एक यूनियन ने कहा कि-एयरलाइन का निजीकरण करना समस्या का हल नहीं

स्‍लॉट आवंटन का विरोध

जेट एयरवेज के कर्मचारी संघ ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अपील की है कि जब तक कंपनी में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक उसे मिले उड़ान के समय को दूसरी विमानन कंपनियों को आवंटित नहीं करे. ऑल इंडिया जेट एयरवेज टेक्नीशियंस एसोसिएशन (एआईजेएटीए) ने चेतावनी दी कि यदि आवंटित समय का दूसरी कंपनियों को आवंटन नहीं रोका जाता है तो उसे इसके समाधान के लिए विधिक तरीके अपनाने होंगे. एआईजेएटीए ने एक पत्र में लिखा- जब तक कंपनी की नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और कंपनी के मूल्यों की रक्षा के लिए यह रोक लगायी जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हमें इसके लिए कानून के दरवाजे खटखटाने पड़ेंगे.

वहीं अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने कहा कि जेट एयरवेज के कर्मचारी अचानक से खुद को बिना किसी सहारे के पा रहे हैं.एटक का कहना है कि सभी संबंधित कर्मचारियों को उपयुक्त तरीके से सरकारी नौकरियों में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर जेट एयरवेज, आईएलएफएस जैसी निजी कंपनियों को राहत पैकेज देने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए.

यात्रियों के लिए हाईकोर्ट में याचिका

वहीं यात्रियों के हितों के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका में नागर विमानन मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि जिन यात्रियों ने जेट एयरवेज के टिकट खरीदे हैं उनके या तो पैसे वापस किए जाएं अथवा उनकी यात्रा के लिए कोई विकल्प उपलब्ध करवाया जाए. इस याचिका में कहा गया है कि जेट एयरवेज की सेवाओं को अचानक निलंबित कर दिये जाने से यात्रियों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो गया है. इस याचिका पर संभवत: 24 अप्रैल के सुनवाई होने की संभावना है.

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