जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, दो आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराने में सफलता हासिल की है इसके साथ ही इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, शोपियां के कुटपोरा इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना की 34RR और CRPF की एक संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया।

आतंकियों ने खुद को घिरा देख सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की इस दौरान दो आतंकी मारे गए हैं। हालांकि मारे गए आतंकवादियों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है। पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन आतंकियों को पहले आत्मसमर्पण का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। 
250 से 300 आतंकी घुसपैठ की फिराक में
वहीं, कश्मीर घाटी से सटी एलओसी के उस पार पाकिस्तान में बने आतंकियों के लांचिंग पैड फिर सक्रिय हो गए हैं। करीब 300 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिले ताजा इनपुट्स के अनुसार पाकिस्तान में बैठे आकाओं ने अपने आतंकी कमांडरों को निर्देश जारी किए हैं कि बर्फबारी के चलते इनफिल्ट्रेशन पासिस बंद होने से पहले आतंकियों को घाटी में धकेलने की कोशिशों में तेजी लाई जाए। 

बीएसएफ़ के एडीजी सुरिंदर पवार ने कहा कि इनपुट के अनुसार वर्तमान में करीब 250 से 300 आतंकी लांचिंग पैड्स पर घुसपैठ की फिराक में तैयार बैठे हैं। लेकिन आतंकियों की हर हरकत पर एलओसी पर तैनात सेना और बीएसएफ़ पूरी नजर रख रही है। इसी का नतीजा है कि इस वर्ष कई आतंकी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बनाया गया है। 

इसका ताजा उदाहरण है रविवार को कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में हुई घुसपैठ की कोशिश, जिसमें सतर्क जवानों ने 3 आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान उन्हें 2 एके-47, 2 एके मैगजीन, 60 एके राउंड, 1 पिस्टल, 2 पिस्टल मैगजीन, 29 पिस्टल राउंड, 1 रेडियो सेट, 50 हजार की भारतीय करंसी, आदि बरामद हुई। 

इस अब तक सिर्फ 25 आतंकी घुसपैठ कर पाए
एडीजी ने कहा कि इस साल एलओसी पर काफी सतर्कता बरती गई है। पिछले साल करीब 140 आतंकी घुसपैठ करने में सफल हुए थे लेकिन इस बार इनपुट के अनुसार कुल 25 आतंकी अब तक घुसपैठ करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा, हम हमेशा अपने काउंटर-इनरफ़ल्ट्रेशन ग्रिड में बदलाव और सुधार समय-समय पर लाते रहते हैं। जब भी हमें कोई फीडबैक मिलता है, जो भी कमियां नजर आती हैं उसके आधार ग्रिड में सुधार लाया जाता है और यह सामान्य प्रक्रिया है जो समय समय पर चलती रहती है।

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