महंगी होने जा रही है हवाई यात्रा, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर…

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने हवाई किराये (Flight Fare) की निचली और ऊपरी सीमा में 9.83 से 12.82 प्रतिशत तक की वृद्धि की है, जिससे घरेलू हवाई यात्रा और महंगी हो जाएगी. इससे पहले, कोविड-19 की वजह से लगे दो महीने के लॉकडाउन के बाद पांच मई, 2020 को विमान सेवाओं के बहाल होने के साथ सरकार ने उड़ान अवधि के आधार पर हवाई किराये पर निचली और ऊपरी सीमाएं लगाई थीं.

क्यों लगी है निचली और ऊपरी सीमा?

कोविड-19 से संबंधित यात्रा प्रतिबंधों (Travel restrictions related to COVID-19) के कारण आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही एयरलाइनों (Airlines) की मदद के लिए निचली सीमा लगाई गई थी. वहीं ऊपरी सीमा इसलिए लगाई गई थी, ताकि सीटों की मांग अधिक होने पर यात्रियों से भारी शुल्क न लिया जाए.

कितना बढ़ गया विमान का किराया

12 अगस्त 2021 के एक आदेश में, मंत्रालय ने 40 मिनट की अवधि की उड़ानों के किराये (Flight Fare) की निचली सीमा को 2,600 रुपये से बढ़ाकर 2,900 रुपये कर दिया, यानी इसमें 11.53 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं 40 मिनट की अवधि के उड़ानों के लिए ऊपरी सीमा को 12.82 प्रतिशत बढ़ाकर 8,800 रुपये कर दिया गया. इसी तरह, 40-60 मिनट की अवधि वाली उड़ानों के लिए निचली सीमा अब 3,300 रुपये के बजाय 3,700 रुपये होगी. इन उड़ानों के किराये की ऊपरी सीमा 12.24 प्रतिशत बढ़ाकर 11,000 रुपये कर दी गई

इसके अलावा 60-90 मिनट की अवधि वाली उड़ानों के किराये की निचली सीमा 4,500 रुपये होगी, यानी इसमें 12.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इन उड़ानों के किराये की ऊपरी सीमा गुरुवार को 12.82 प्रतिशत बढ़ाकर 13,200 रुपये कर दी गई.

लंबी यात्रा के लिए चुकाने होंगे इतने पैसे

मंत्रालय के आदेश के अनुसार अब 90-120, 120-150, 150-180 और 180-210 मिनट की अवधि की घरेलू उड़ानों के किराये (Flight Fare) के लिए क्रमशः 5,300 रुपये, 6,700 रुपये, 8,300 रुपये और 9,800 रुपये की निचली सीमा होगी. नए आदेश के अनुसार, 120-150 मिनट की अवधि की उड़ानों के किराये की निचली सीमा 9.83 प्रतिशत बढ़ाई गई है.

मंत्रालय के आदेश के अनुसार अब 90-120, 120-150, 150-180 और 180-210 मिनट की अवधि की घरेलू उड़ानों के किराये की ऊपरी सीमा में क्रमशः 12.3 प्रतिशत, 12.42 प्रतिशत, 12.74 प्रतिशत और 12.39 प्रतिशत की वृद्धि की गई. मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है.

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