धर्म बदल पाक में निकाह करने वाली महिला को लौटना होगा भारत, वापस भेजने की तैयारी

अमृतसर। बैसाखी पर्व पर गुरुघरों में दर्शन करने के लिए पाकिस्‍तान गया सिख जत्‍था आज भारत लौटेगा। यह जत्‍था अटारी बार्डर से होकर लौटेगा तो किरण बाला उसके साथ होगी या नहीं इस पर सबकी नजर लगी हुई है। पाकिस्‍तान में धर्म बदलकर मुस्लिम युवक से शादी करने वाली किरण बाला उर्फ आमना बेगम ने पाकिस्‍तान विदेश विभाग में अपने वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन इस पर क्‍या कार्यवाही हुई इस बारे में अभी पता नहीं चला है। संभव है कि किरण बाला को भारत लौटना पड़ेगा। लाहौर हाई कोर्ट द्वारा उसे अभी पाकिस्‍तान में रहने की अनुमति नहीं दी गई है।धर्म बदल पाक में निकाह करने वाली महिला को लौटना होगा भारत, वापस भेजने की तैयारी

लाहौर हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जबरन भारत भेजा जा सकता है

दूसरी ओर, इस मामले पर सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गई हैं आैर भारत लौटने पर सिख जत्‍थे से किरण बाला प्रकरण में पूछताछ हो सकती है। इसमें पूरे प्रकरण में कई खुलासे होने की संभावना है। एसजीपीसी की आेर से भेजा गया सिख धार्मिक जत्‍था 12 अप्रैल को पाकिस्‍तान गया था।

हर साल बैसाखी आैर अन्‍य अवसरों पर सिख जत्‍था पाकिस्‍तान स्थित श्री ननकाना साहिब और अन्‍य गुरुघरों के दर्शन के लिए जाता है। इस बार गए जत्‍थे में होशियारपुुर के गढशंकर की महिला किरणबाला भी गई थीे। किरण बाला 16 अप्रैल को जत्‍थे से गायब हो गई। किरण बाला धर्म बदलकर मुस्लिम बन गई और अपना नाम आमना बेगम रख लिया। उसने लौहार के एक युवक से निकाह कर लिया।

लाहौर हाई कोर्ट का राहत से इन्‍कार

किरण बाला को शुक्रवार शाम तक लाहौर हाईकोर्ट की ओर से कोई राहत नहीं दी गई। किरणबाला उर्फ आमना बेगम ने शुक्रवार को अपने पति मोहम्मद आजम के साथ लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। बताया जाता है कि उसने याचिका में बताया कि उसने दिल्ली में रहते हुए बीस साल पहले फेसबुक के माध्यम से लाहौर निवासी मोहम्मद आजम से दोस्ती की थी। अब पाकिस्तान आकर रजामंदी से इस्लाम कबूल कर उसने निकाह किया है। इसलिए पाकिस्तान सरकार उसे यहां की नागरिकता दे।

उसने यह भी बताया कि भारत में उसका विवाह हुआ था। पंजाब के होशियारपुर निवासी पति की मौत हो गई थी, लेकिन उसका कोई बच्चा नहीं है। किरण की याचिका पर लाहौर हाईकोर्ट ने दो टूक फैसला सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान में पनाह देना विदेश विभाग के हाथ में है। हाईकोर्ट ने पाक विदेश विभाग के इस्लामाबाद में स्थित सचिव को भी आमना बीबी की दरखास्त भेज दी है।

पाकिस्तान अकाफ बोर्ड के सचिव ने कहा- भारत वापस जाना होगा किरण बाला उर्फ आमना बेगम को

पाकिस्तान से इस बाबत पाकिस्तान अकाफ बोर्ड के सचिव तारिक वजीर खां ने बताया कि किरण बाला उर्फ आमना बेगम श्री ननकाना साहिब पाकिस्तान से सिख श्रद्धालुओं के जत्थे से भागी है। उसका पासपोर्ट लाहौर के अकाफ बोर्ड लाहौर के पास है। शुक्रवार रात तक पाकिस्तान विदेश विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न की गई तो वह किरण बाला को भारतीय सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ वापस भारत भेजेंगे।

दूसरे पति के घर पाक पुलिस का पहरा

 किरण बाला उर्फ आमना बीबी इस समय मुल्तान रोड लाहौर में अपने ससुराल घर में है। उसके ससुराल घर को पाकिस्तान पुलिस की ओर से चारों ओर से घेर रखा है ताकि वीजा न मिलने की सूरत में उसे गिरफ्तार करके सिख जत्थे के साथ ही भारत भेजा जा सके।

केंद्र सरकार दे दखल, किरण की न बढ़े वीजा अवधि : तरसेम

होशियारपुर : पाकिस्तान में निकाह करने वाली किरण बाला के ससुर तरसेम सिंह ने गुहार लगाई है कि उनकी बहू की वीजा अवधि न बढ़े। इसके लिए केंद्र सरकार दखल दे। उन्होंने गढ़शंकर के पूर्व विधायक लव कुमार गोल्डी से इस मसले को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ध्यान में लाने की फरियाद की है। साथ ही, अपील की है कि मुख्यमंत्री इस मसले को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष उठाकर कहें कि वह पाकिस्तान पर दबाव बनाएं कि किरण बाला के वीजा की अवधि बढ़ाने की मंजूरी न दे, ताकि वह अपने वतन वापस लौट सके। 
उन्होंने किरण बाला के आइएसआइ के हत्थे चढऩे की आशंका को फिर दोहराया है।

किरण बाला उर्फ आमना बेगम के वीजा 21 अप्रैल तक था। ऐेसे में उसने पाकिस्‍तान विदेश विभाग में वीजा की अवधि तीन माह बढ़ाने की अर्जी दी है, लेकिन इस बारे में क्‍या निर्णय हुआ है यह पता नहीं चला है।

सुरक्षा एजेंसियों खंगाल रही रिकार्ड

इसके खुलासे के बाद से पूरा मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गया है। बताया जाता है कि किरण को सिख जत्थे के साथ भेजने के लिए सिफारिश करने वाले श्री हरिमंदिर साहिब का मैनेजर भी छुट्टी लेकर कनाडा चला गया है। अब खुफिया एजेंसियों ने इस मैनेजर का भी रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है।

किरण को जत्थे में भेजने की सिफारिश करने वाला मैनेजर गया कनाडा, गुप्तचर एजेंसियों ने खंगाला रिकॉर्ड

इस मामले पर एसजीपीसी में काफी गहमागहमी है। मैनेजर की ओर से अब तक पाकिस्तान गए सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में किन-किन लोगों की सिफारिश की गई है, इसकी भी जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार को कुछ केंद्रीय एजेंसियों और राज्य की खुफिया एजेंसियों के अधिकारी एसजीपीसी के यात्रा विभाग पहुंचे। यहां कुछ कर्मचारियों से बातचीत कर तथ्य जुटाने की कोशिश की गई। अभी यह पता नहीं चला है कि वहां से क्‍या कुछ जानकारी मिली है।

खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि किरण ने जत्थे के साथ जाने के लिए अपने क्षेत्र के एसजीपीसी के सदस्यों से सिफारिश नही करवाना कई सवाल पैदा करता है। आखिर, अमृतसर जिले के साथ संबंधित उक्त मैनेजर से ही क्यों सिफारिश करवाई, यह भी जांच का विषय है। बताया जा रहा है कि यह मैनेजर एक पूर्व मंत्री के पीए का बेहद करीबी है।

एसजीपीसी ने नहीं बनाई जांच कमेटी

उधर,एसजीपीसी की अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल की ओर से मामले को गंभीर बताने के बावजूद भी अभी तक जांच कमेटी नहीं बनाई गई है। हालांकि श्री दमदमा साहिब में शुक्रवार को हुई एसजीपीसी की कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले को लेकर बात तो हुई परंतु कोई फैसला नहीं लिया गया। एसजीपीसी के गलियारा में यह चर्चा भी शुक्रवार को चलती रही कि किरण की सिफारिश करने वाला मैनेजर अपने गांव का सरपंच भी है और हरिमंदिर साहिब में मैनेजर के पद पर भी कार्यरत है। ऐसे में यह भी  सवाल यह उठता है कि एक व्यक्ति दो-दो पदों पर कैसे रह सकता है।

दूसरी ओर, एसजीपीसी के कुछ अधिकारी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे खुफिया एजेंसियों की नाकामी बताने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसजीपीसी प्रमुख ने फैसला किया है कि इस मामले में जो भी अधिकारी आरोपी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि एसजीपीसी की ओर से जो भी जत्थे पाकिस्तान भेजे जाते हैं उनको उस क्षेत्र के एसजीपीसी सदस्यों की सहमति पर वीजा देने की सिफारिश की जाती है। होशियारपुर की किरण बाला के मामले में क्षेत्र के एसजीपीसी सदस्यों जंग बहादुर सिंह और बीबी रणजीत कौर की ओर से किरण बाला की कोई भी सिफारिश जत्थे के जाने के लिए नहीं की गई थी।

इस महिला की सिफारिश एसजीपीसी के एक मैनेजेर की ओर से की गई थी जो अमृतसर जिले के गांव भंगाली के रहने वाले हैं। वह अकाली दल के सरपंच भी हैं। किरण के क्षेत्र के दोनों एसजीपीसी सदस्यों ने कहा कि किरण बाला के प्रार्थना पत्र पर उनकी ओर से कोई भी वीजा सिफारिश नहीं की गई है। मामला काफी गंभीर है, इसलिए वह सारे मामले की जांच के लिए एसजीपीसी के अध्यक्ष को भी लिखेंगे।

 सरकारी एजेंसियों को जांच करनी चाहिए थी : बेदी

एसजीपीसी के प्रवक्ता दिलजीत सिंह बेदी ने कहा कि एसजीपीसी वीजा सरकार को भेज देती है। इसकी जांच सरकार की एजेंसियां करती हैं। किरण बाला का पाकिस्तान के किसी व्यक्ति के साथ संपर्क था, इसकी जांच भी एजेंसियों को ही करनी चाहिए था। इस मामले में भारत सरकार की खुफिया एजेंसियों को सच को सामने लाना चाहिए। एसजीपीसी अपने स्तर पर इस मामले की जानकारी जत्थे के वापस आने पर ही लेगी।

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