अब आ गई चीन की सामत, जंग की तैयारी में जुटा भारत, ताकत देख देखती रह जाएगी दुनिया

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मसले को लेकर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई बार वार्ताएं भी हुई लेकिन इस पूरे विवाद का कोई हल नहीं निकल सका।

नतीजतन दोनों देशों की सेनाएं हथियार लेकर एक दूसरे के खिलाफ जंग की तैयारी में जुटी हुई हैं। सीमा पर आज जिस तरह के हालात हैं। उसे देखते हुए युद्ध की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

भारत इस बार चीन को कोई भी मौक़ा नहीं देना चाहता है। उसने पर्याप्त मात्रा में सैनिक और हथियार के साथ और भी जरूरी सामान बॉर्डर पर पहुंचा दिए हैं। ताकि अगर ठण्ड में भी युद्ध की नौबत आती है तो हमारे सैनिक पीछे न हटे।
बल्कि एक कदम आगे बढ़कर चीन को जंग में धूल चटाने का काम करें।

भारत और चीन

उधर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं को सैनिकों की तैनाती करने के साथ-साथ किसी भी हालात का मुकाबला करने के लिए अलर्ट रहने को कहा है।

बता दें की भारतीय विशेष बलों के साथ MARCOS को तैनात किया जाएगा, जो ध्रुवीय रेगिस्तान में भी भारी बार्फबारी और कड़ाके की ठंड का सामना कर सके।

उनके अलावा नेवी के समुद्री कमांडो को पूर्वी लद्दाख में तैनात करने के लिए कहा गया है, जहां भारतीय सेना की गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में पैंगोंग टागन झील के दोनों किनारे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ टकराव की नौबत बनी हुई है।

इस बाबत वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने बताया की जनरल रावत ने तीनों सेवाओं के लिए यह साफ कर दिया दिया है कि लद्दाख में 1597 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ तैनात सैनिकों, तोपखाने और टैंकों के साथ सामान्य समय नहीं हैं।

किसी भी समय पूर्वी लद्दाख में स्थिति बिगड़ सकती है। सशस्त्र बलों को किसी भी परिदृश्य के लिए तैयार रहना चाहिए।

ऐसा नहीं हो सकता है कि एक तरफ पूरी उत्तरी सेना कमान और पश्चिमी वायु कमान बर्फ में तैनात है, हममें से बाकी लोग त्योहार मना रहे हैं और गोल्फ खेल रहे हैं। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि लद्दाख में युद्ध चल रहा है।

उन्होंने ये भी बताया कि तैनात सैनिक ध्रुवीय सर्दियों के कपड़ों और मास्क के अंतिम शिपमेंट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो कि नवंबर के पहले सप्ताह तक अमेरिकी सेना से आने की संभावना है।

पीएलए की तरह ही, भारतीय सेना एलएसी पर लंबे समय तक लड़ने के लिए तैयार खड़ी है। भारतीय की सेना एक इंच जमीन को भी छोड़ने के पक्ष में नहीं है।

पीएलए ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक जैमर तैनात कर दिए हैं और शिनजियांग और तिब्बत दोनों में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और भंडारण क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।

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