स्वतंत्रता दिवस: लाल किले पर पीएम मोदी ने फहराया तिरंगा, जानें भाषण से जुड़ी कुछ खास बातें…

PM नरेंद्र मोदी 15 अगस्त, 2021 को नई दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से ऐतिहासिक 75वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने में राष्ट्र का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि देने के बाद लाल किले पर पहुंच चुके हैं। यहां केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी अगवानी की। लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगा झंडा फहराया और साथ में सैन्य बलों ने सलामी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण की शुरुआत सभी को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की बधाई देकर की। प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण की शुरुआत में सुभाषचंद्र बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, पंडित जवाहरलाल नेहरु, सरदार पटेल, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सहित कई आजादी के आंदोलन में शामिल कई महापुरुषों व वीरांगनाओं के नाम याद किए और उन्हें नमन किया।

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान, बेटियों को भी मिलेगा सैनिक स्कूल में प्रवेश

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि उन्‍हें लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वे सैनिक स्‍कूल में पढ़ना चाहती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने मिजोरम के एक सैनिक स्‍कूल में पहले लड़कियों को एडमिशन देने का प्रयोग भी किया था। फिलहाल देश में 33 सैनिक स्‍कूल हैं, जिनमें अब तक केवल लड़के एडमिशन ले सकते थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया है कि देश की बेटियां भी अब सैनिक में प्रवेश कर सकेंगी। स्कूल सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा चलाए जाते हैं जो रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। सैनिक स्कूलों की स्थापना का उद्देश्य छात्रों को कम उम्र से भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए तैयार करना है। आगामी सत्र से देश की बेटियां भी अब सैन्य शिक्षण-प्रशिक्षण में हिस्सा ले सकेंगी।

ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़ियों ने देश का सम्मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में लाल किले की प्राचीर से ताली बजाई तो सभी से ऐसा करने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी में हमारे डॉक्टर, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक हों, सेवा में जुटे नागरिक हों, वे सब भी वंदन के अधिकारी हैं। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी। अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानव जाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है।

सबसे प्रयास से आगे बढ़ेगा देश, ये पहल समय गंवाने का नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है। PM मोदी ने कहा कि हमें अभी से जुट जाना है। हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है। यही समय है, सही समय है। बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती। अब हमें पूर्णता तक जाना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम भारत में चल रहा है। हम 54 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताकत का ही परिणाम है कि आज भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती। अब हमें पूर्णता तक जाना है।

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