यमुनानगर में 15 से 19 नवंबर तक लगने वाले कपालमोचन मेले में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने की है संभावना

 यमुनानगर में 15 से 19 नवंबर तक लगने वाले कपालमोचन मेले में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में मेले को खुले में शौचमुक्त बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 550 शौचालय बनाए जाएंगे। इनमें 500 शौचालय अस्थायी होंगे, जबकि 50 शौचालय पहले से ही स्थायी बने हुए हैं। मेला क्षेत्र की साफ सफाई के लिए भी 100 कर्मचारी रोजाना मेला परिसर में तैनात रहेंगे। सुरक्षा के लिए पूरा मेला सीसीटीवी कैमरे की नजर में रहेगा।

117 एकड़ जमीन पर लगेगा मेला

कपालमोचन मेला को प्रशासन ने चार सेक्टरों में बांटा है। इसके लिए 117 एकड़ जमीन मेला खत्म होने तक किसानों से अधिग्रहित की गई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु पांच दिन तक मेले में रूकते हैं। संख्या अधिक होने के कारण श्रद्धालु खुले में ही शौच कर देते हैं। इसलिए मेला प्रशासन की तरफ से कपालमोचन में 500 अस्थायी शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से 450 शौचालय कपालमोचन क्षेत्र में, 50 शौचालय आदिबद्री में बनेंगे। इनमें पानी व रोशनी की व्यवस्था भी की जाएगी।

कर्मचारियों की देनी होगी सूची

मेले में सफाई व्यवस्था सबसे अहम है। क्योंकि बाहर से आने वाले श्रद्धालु यहां वहां कचरा फैला देते हैं। प्रशासन ने सफाई का ठेका दिया है। जिसमें ठेकेदार को निर्देश दिए गए हैं कि वह रोजाना 100 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाएगा। सभी वर्दी में होंगे। सिर पर कैप लगानी होगी। नेम प्लेट भी लगानी होगी। कर्मचारियों को लगाने में कोताही न बरती जाए इसके लिए ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट रोजाना अधिकारियों को देनी होगी। वहीं श्रद्धालु ऋणमोचन, कपालमोचन व सूरजकुंड सरोवरों पर स्नान करते हैं। इनमें महिला श्रद्धालु भी होती हैं। इसलिए महिला घाटों पर पांच-पांच महिला कर्मचारी लगाई जाएंगी।

1700 पुलिसकर्मियों के हवाले होगी सुरक्षा

पूरे मेले की सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 1700 पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाएगा। मेला में प्रवेश करने वाले मुख्य मार्गों पर 11 जगह नाके लगा वाहनों की जांच की जाएगी। पुलिस प्रशासन की ओर से पीसीआर व राइडर भी लगाए जाएंगे। मेले में सुरक्षा के लिहाज से दो ड्राेन व 60 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मेले के दौरान माइनिंग जोन से भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। मेला के प्रत्येक सेक्टर में छोटी क्रेन का प्रबंध किया जाएगा।

पुलिस विभाग द्वारा कपालमोचन बस स्टैंड से छोटा बस स्टैंड तक सड़क के दोनों ओर लगने वाली दुकानों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। बीमार श्रद्धालुओं को समय पर उपचार देने के लिए राजकीय महाविद्यालय में अस्थाई अस्पताल बनाया जाएगा। तीनों सरोवरों पर किश्ती व गोताखारों की नियुक्ति की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वाटसएप नंबर जारी किया जाएगा। सूचना प्रसारण केंद्र के माध्यम से प्रशासनिक खंड में डिस्प्ले टीवी के माध्यम से फोटो जारी करके गुमशुदा की जानकारी प्रदान की जाएगी ताकि गुमशुदा को मिलाया जा सके।

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