उत्तराखंड में योजना के विरोध की आंच में झुलसने लगे हैं कारोबार, पर्यटन से लेकर रोडवेज बसों पर भी है इसका असर…

अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर जगह-जगह हो रहे प्रदर्शनों का असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। सबसे ज्यादा मार टैक्सी संचालकों पर देखने को मिली है। रोडवेज की कमाई में गिरावट में आई है। वहीं स्थानीय होटल कारोबार में भी 8 से 10 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग बाहरी राज्यों में एकदम बदले हालातों को इसकी वजह मान रहे हैं। 

कोरोना की विपरीत परिस्थितियों से राहत के बीच इस साल पर्यटन कारोबार की सेहत सुधरी है। स्थिति सुधरने के चलते कुमाऊं मंडल का प्रमुख हल्द्वानी रोडवेज डिपो चार दिन पहले तक रोजाना 19 लाख से 20 लाख रुपये तक कमाई कर रहा था। लेकिन बीते तीन दिनों से स्थिति ये है कि नैनीताल के लिए भीड़ कम हो गई है।

आय घटकर 15 लाख से 16 लाख रुपये के आसपास आ गई है। इधर, हल्द्वानी और काठगोदाम टैक्सी स्टैंड में करीब 1 हजार से ज्यादा टैक्सियां हैं। संचालकों के मुताबिक बीते दिनों से संचालन प्रभावित होने के बाद 300 गाड़ियां खड़ी हैं।

नैनीताल, दिल्ली के लिए अतिरिक्त बसें नहीं भेजीं 
नैनीताल और दिल्ली के लिए भीड़ होने पर अतिरिक्त 19 बसें संचालित की जा रही थीं। लेकिन सोमवार को नैनीताल के लिए भीड़ नहीं थी। पुराने शेड्यूल के अनुसार 4 बसें संचालित की गईं। वहीं दिल्ली के लिए भी यात्रियों की काफी कम संख्या होने से 13 बसें ही देर शाम तक हल्द्वानी डिपो से भेजी गईं।

कोरोना के बाद इस साल काफी अच्छा काम हुआ है। ऐसा भी कह सकते हैं कि दो सालों जितना काम दो महीने में हो गया। लेकिन पिछले दो-तीन दिन से काम प्रभावित हुआ है। 
पंकज जायसवाल, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

कोरोना की मार झेलने के बाद काम की स्थिति काफी सुधरी है। पर्यटकों के काफी संख्या में आने से अच्छा काम हुआ। लेकिन बीते कुछ दिनों में काम पर असर पड़ा है। 
विक्रम अधिकारी, अध्यक्ष, काठगोदाम टैक्सी यूनियन 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button