बलूचिस्तान प्रांत में दो अलग-अलग सैन्य ठिकानों पर हुए आतंकी हमले में चार सैनिक शहीद, जवाबी कार्रवाई में 15 आतंकी ढेर….

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में दो अलग-अलग सैन्य ठिकानों पर हुए आतंकी हमले में चार सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं जवाबी कार्रवाई में 15 आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है। यह हमला पीएम इमरान खान के चीनी दौरे पर रवाना होने से कुछ घंटे पहले हुआ। इमरान शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए चीन की यात्रा पर हैं।

सरकार में आंतरिक मामलों के मंत्री शेख रशीद अहमद ने बताया कि सशस्त्र बलों ने बड़े हमलों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। इस दौरान चार सैनिक शहीद हुए और 15 आतंकी मारे गए हैं। हमले के दौरान करीब पांच आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया है, उनसे पूछताछ जारी है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलएफ) ने रायटर्स को भेजी एक रिपोर्ट में हमले की जिम्मेदारी ली है। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आत्मघाती हमलावरों ने सैन्य ठिकाने के प्रवेश द्वार पर विस्फोटक से भरे वाहनों में धमाका किया, जिसमें 50 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।

वहीं पिछले हफ्ते, ग्वादर पोर्ट के पास एक सैन्य पोस्ट पर हुए आंतकि हमले में 10 सैनिक शहीद हुए थे। गौरतलब है कि, पाकिस्तान में बलूचिस्तान को अलग करने के लिए लंबे समय से संघर्ष जारी है। प्रांत के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तानी सरकार इलाके में मौजूद समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है। बलूच विद्रोही आमतौर पर गैस परियोजनाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा बलों पर हमला करते हैं। साथ ही वो पाकिस्तान में चल रही चीनी परियोजनाओं पर हमला करके वहां काम कर रहे चीनी मजदूरों की हत्या कर देते हैं। इलाके में आतंक का साया होने के बावजूद पाकिस्तान दावा करता रहा है कि वो परियोजनाओं की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

चीन 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के हिस्से के रूप में प्रांत में ग्वादर बंदरगाह और अन्य परियोजनाओं के विकास में शामिल है, जो बीजिंग की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है। चीन पाकिस्तान के साथ अपनी सुरक्षा चिंताओं को उठाता रहा है, खासकर पिछले साल उत्तरी पाकिस्तान में एक हमले में 10 चीनी श्रमिकों के मारे जाने और 26 के घायल होने के बाद। पाकिस्तान ने पीड़ित परिवारों के लिए 11.6 मिलियन डॉलर मुआवजे की मंजूरी दी है। वित्त मंत्री शौकत तारिन ने कहा कि खान और उनकी टीम बीजिंग की यात्रा पर आर्थिक अवसरों की खोज करेगी, जिसमें चीनी व्यवसायों को पाकिस्तान में स्थापित करने के लिए मनाने की कोशिश भी शामिल है।

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