बुढ़ापे में समान गति से धड़कते हैं दपंति के दिल, रिसर्च में हैरान करने वाला दावा

अक्सर कहा जाता है कि बुजुर्गावस्था में जाकर पति-पत्नी की सूरत मिलने लगती है। इस बात की सच्चाई तो नहीं पता, लेकिन एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि बुजुर्गावस्था की दहलीज पर पहुंचकर पति-पत्नी के दिल एक समान गति से धड़कने लगते हैं। अध्ययन में रिलेशनशिप विशेषज्ञों ने पाया है कि भावनात्मक रूप से जुड़े बुजुर्ग दपंति की हृदय गति एक समान हो जाती है। 

दंपति की नब्ज को मापा गयाः
इलिनोइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने लंबी अवधि से साथ रहने वाले दस बुजुर्ग विवाहित जोड़ों की नब्ज और निकटता को मापा। इसके लिए उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक निगरानी उपकरणों का उपयोग किया। टीम ने पाया कि गहरी निकटता होने पर प्रत्येक जोड़े के एक सदस्य ने दूसरे की हृदय गति को प्रभावित किया। प्रमुख अध्ययनकर्ता एवं इलिनोइस विश्वविद्यालय से जुड़े रोमांटिक रिलेशनशिप शोधकर्ता ब्रायन ओगोल्स्की के मुताबिक, ‘आमतौर पर रिलेशनशिप शोधकर्ता लोगों से पूछते हैं कि उनका रिश्ता कैसा चल रहा है और फिर वे मानते हैं कि दंपति इससे ठीक से याद कर सकते हैं और सार्थक जवाब दे सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे दंपति साथ रहते हैं, उम्र में इजाफा होता है और लंबे समय से एक साथ होते हैं तो अगर हम उनसे पूछे हैं कि वे एक-दूसरे से कितने संतुष्ट हैं और कितने प्रतिबद्ध हैं तो वे हंसते हैं।

शादी को 30 या 40 साल होने के बाद उन्हें लगता है कि यह अपने आप में एक-दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा कि अध्ययन के जरिए हम रिश्ते की गतिशीलता को मापने के लिए और अधिक उद्देश्यपूर्ण तरीकों की तलाश में थे। हम जानते हैं कि लोगों के आस-पास होने से मनोवैज्ञानिक लाभ होते हैं।  

फिटबिट और एक अन्य उपकरण का इस्तेमाल कियाः
प्रोफेसर ओगोल्स्की ने कहा कि हमने कारण और प्रभाव पर ध्यान केंद्रित नहीं किया,  लेकिन सह-विनियमन पर हमारा पूरा फोकस रहा, जो कि तब होता है जब हृदय गति एक समकालिक पैटर्न में चलती है। मतलब जब साथी करीब होते हैं तो उनके हृदय गति पैटर्न एक ऐसी बातचीत का संकेत देती है, जो सामूहिक रूप से किसी तरह से सार्थक होती है। प्रोफेसर ओगोल्स्की और उनके सहयोगियों ने 10 बुजुर्ग विवाहित जोड़ों पर अध्ययन किया। इनमें से प्रत्येक 14-65 वर्षों से अपने रिश्ते में थे और जिनकी आयु 64-88 के बीच थी। पूरे दो सप्ताह तक प्रतिभागी दंपतियों की निगरानी की गई। प्रत्येक प्रतिभागी ने पूरे दिन एक फिटबिट पहना, ताकि वास्तविक समय में उनकी हृदय गति को मापा जा सके। वहीं एक दूसरे उपकरण ने प्रत्येक जोड़े के घर के चारों ओर लगाए गए फिक्स्ड सेंसर के साथ मिलकर उनके साथी से निकटता को मापा।

टेलीफोन कॉल से लिया हालचालः
अध्ययन के दौरान टीम ने हर सुबह प्रत्येक जोड़े को फोन करके फिटबिट और दूसरा ट्रैकिंग डिवाइस लगाने की याद दिलाई, जबकि शाम को दोबारा कॉल करके उनसे पूरे दिन के स्वास्थ्य और रिश्ते की गतिशीलता के बारे में पूछताछ करके सर्वे किया गया। प्रोफेसर ओगोल्स्की ने कहा कि हमारा पहला कदम यह देखना था कि क्या समय के साथ हृदय गति और निकटता सहसंबद्ध होते हैं। हमने निकटता के साथ पति की हृदय गति को देखा फिर पत्नी की हृदय गति को मापा और फिर दोनों हृदय गति को एक-दूसरे के साथ देखा। टीम ने पाया कि जोड़ों की हृदय गति एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाती है, जिसमें दंपति में से एक की नब्ज में बदलाव का असर दूसरे पर पड़ता है। अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल ऑफ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप में प्रकाशित हुए हैं।

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