इमरान खान पर टूटने वाला हैं मुसीबतों का पहाड़, पाकिस्तान में पड़ने वाला है अकाल…

इमरान खान और मुसीबत लगता है एक-दूसरे के साथी हैं। एक बार फिर से उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है, क्योंकि पााकिस्तान में पानी की किल्लत की वजजह से अकाल पड़ने वाला है और उनके खिलाफ सड़कों पर हल्लाबोल होने वाला है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सिंध सचिव अजीज धामरा ने इमरान खान को चेताया है कि अगर सूबे के चावल की खेती वाले क्षेत्रों में किसान पानी के अभाव में धान की खेती नहीं कर पाए तो देश को गंभीर खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। मीडिया से बातचीत में अजीज धामरा ने इमरान खान की सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी पार्टी हमेशा सिंध प्रांत को पिछड़ेपन की ओर धकेलने की कोशिश करती है। 

‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए धामरा ने कहा कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के पदाधिकारियों ने हमेशा गलत और जनविरोधी नीतियों के माध्यम से सिंध प्रांत को पिछड़ेपन की ओर धकेलने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ‘अक्षम’ शासकों की कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और देश भर में कृषक समुदायों को राहत प्रदान करने की कोई योजना नहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि सिंध के लोग संघीय सरकार द्वारा बनाए गए ‘कृत्रिम जल संकट’ के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध शुरू करने के लिए तैयार थे। 

उन्होंने कहा कि न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि प्रांत के कई किसानों की आजीविका भी दांव पर है। उन्होंने सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) के अध्यक्ष और इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को ताउनसा लिंक नहर में सिंध के पानी पर ‘डकैती’ के लिए भी दोषी ठहराया। धामरा ने कहा कि देश पर थोपे गए शासकों की आत्मकेंद्रित नीतियों से कृषि क्षेत्र को पहले ही काफी नुकसान हो चुका था और क्षेत्रों में जल संकट के कारण कई जिलों में किसानों को नुकसान होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी बैराज पानी की सबसे खराब कमी का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा। वे अब अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। सिंध के मंत्री ने दावा किया कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं किया गया तो संघीय सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन होगा। 

उन्होंने इमरान खान पर यह भी आरोप लगाया कि जो लोग राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का दावा कर रहे थे, वे केवल लोगों को धोखा देने और महंगाई और सबसे खराब शासन से उनका ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे थे। धमरा ने पीटीआई के सांसदों को देश भर में पानी का उचित वितरण सुनिश्चित करने के लिए संघीय सरकार के उच्चाधिकारियों से पूछने के बजाय इस्लामाबाद और कराची में बैठकर मनगढ़ंत बयान जारी करने को लेकर भी फटकार लगाई। 

दरअसल  सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण यानी IRSA ने अपने नए अनुमान देने के बाद 27 मई को पानी की स्थिति की समीक्षा की है, जिसके तहत 21 मई से 10 जून की अवधि के दौरान देश में 17 प्रतिशत पानी की कमी होगी। इधर, पीपीपी के सिंध चैप्टर ने सोमवार को पानी की भारी किल्लत के खिलाफ सिंध प्रांत में जिला स्तर पर इमरान खान की सरकार के खिलाफ 3 जून से 15 जून तक विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की।

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