अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी गिरफ्तार, शरण देने वाले डाक्टर को भी दबोचा

देहरादून: सहसपुर पुलिस व एलआइयू की टीम ने ग्राम भगवानपुर से एक बांग्लादेशी को वीजा अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी भारत में अनधिकृत रूप से निवास करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया। बांग्लादेशी को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाकर शरण देने वाले डाक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धाराओं व धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया है। दोनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी गिरफ्तार, शरण देने वाले डाक्टर को भी दबोचा

आरोप यह भी है कि ये दोनों बांग्लादेश से आने वालों को देश में फर्जी पहचान पत्र मुहैय्या कराकर छिपने में मदद करते थे। मंगलवार को प्रस्तावित उपराष्ट्रपति के दौरे और जून में होने वाली आइएमए की परेड के मद्देनजर पुलिस ने सहसपुर में सत्यापन अभियान चलाया। इस दौरान मुकुल मजूमदार पुत्र लक्ष्मीकांत मजूमदार निवासी ग्राम नुतनपल्ली पोस्ट राउतराय, थाना चकदा, जिला नादिया पश्चिम बंगाल के क्लीनिक की तलाशी ली गई। 

इलाके में यह शख्स बंगाली डाक्टर के नाम से जाना जाता है। पुलिस को उसके क्लीनिक से आलोक मुखर्जी पुत्र अजय मुखर्जी निवासी ग्राम सुड्डाग्राम थाना व जिला जसोर, बांग्लादेश कंपाउंडर के रूप में काम करता मिला। जांच में पाया गया कि आलोक 17 अक्टूबर 2017 को बांग्लादेश से 90 दिन के टूरिस्ट वीजा पर वेनापुल से भारत आया था। सहारनपुर में उसकी मुलाकात पेशे से डाक्टर मुकुल मजूमदार से हुई। वहां से मुकुल आलोक को भगवानपुर में अपनी क्लीनिक पर लाया, जहां वह कंपाउंडर का काम करने लगा।

इधर वीजा की अवधि खत्म होने के बाद मुकुल ने आलोक का फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड भी बनवा दिया, लेकिन उसके पास से बरामद पासपोर्ट से उसके बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हो गई। एसओ नरेश राठौड़ ने बताया कि संदेह है कि मुकुल ने और भी बांग्लादेशी नागरिकों को यहां छिपने में मदद की है। उस पर आलोक की वीजा अवधि खत्म होने की जानकारी भी पुलिस को न देने का आरोप है। दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।

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