आइआइटी इंदौर के उज्जैन में प्रस्तावित सैटेलाइट परिसर को बनाने की तैयारी हुई तेज…..

भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) इंदौर के उज्जैन में प्रस्तावित सैटेलाइट परिसर को बनाने की तैयारी तेज हो गई है। आज केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संस्थान में आए हुए हैं। उनके साथ परिसर के निर्माण योजना से संबंधित चर्चा हो सकती है।आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी और अन्य प्रोफेसर से भी केंद्रीय मंत्री विकास, निर्माण और शोध के संबंध में बात कर सकते हैं। मंत्री शाम छह बजे तक परिसर में रूकेंगे। आइआइटी इंदौर के अधिकारी चाहते हैं कि 2025 तक परिसर बनकर तैयार हो। इसके बाद उज्जैन में कक्षाओं की क्षमता बढ़ने से नए कोर्स शुरू हो सकेंगे और विभिन्न विषयों में बीटेक की संख्या को भी बढ़ाया जा सकेगा। शुरुआत में आइआइटी इंदौर के स्थाई प्रोफेसर ही उज्जैन परिसर में पढ़ाने जाएंगे। फिर सैटेलाइट परिसर के लिए भी और प्रोफेसर्स की व्यवस्था की जाएगी।

उज्जैन परिसर में विद्यार्थियों के लिए रहने की सुविधा भी रहेगी। आइआइटी इंदौर में प्रवेश लेने के समय विद्यार्थियों से पूछा जाएगा कि वे इंदौर परिसर में पढ़ना चाहते हैं या उज्जैन में। परिसर तैयार करने को लेकर आइआइटी इंदौर को राज्य सरकार से भी अनुदान की उम्मीद है। आइआइटी इंदौर का सैटेलाइट परिसर की शुरुआत फिलहाल उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में होगी। यहां कुछ महीने में शोध कार्य शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही 100 एकड़ में 500 करोड़ रुपये की लागत से स्थाई परिसर बनाने का काम भी जारी रहेगा।

सैटेलाइट परिसर को खास तौर से अनुसंधान के हिसाब से तैयार किया जाएगा। नए परिसर में संस्कृत और एस्ट्रोनामी जैसे विषयों पर पीएचडी कराने की योजना भी अधिकारियों की है। सेमीकंडक्टर और कई अन्य विषयों पर भी शार्ट टर्म कोर्स संस्थान सैटेलाइट परिसर में शुरू करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button