अगर करेंगे इस तरह सूर्य नमस्कार ताे जीवन से दूर हाेगा हर विकार

अपने शरीर काे स्वस्थ बनाने के लिए आप कर्इ तरीकाें का इस्तेमाल करते हैं। आपमें से बहुत से लाेग एेसे हाेंगे जाे राेज सुबह उठकर याेगसन भी करते हाेंगे। याेगासन करने से आपका शरीर स्वस्थ आैर तंदरुस्त रहता है। लेकिन कर्इ लाेग एेसे हैं जाे अपने काम में व्यस्त रहने के कारण याेगासन के लिए समय तक नही निकाल पाते। लेकिन ये उनके स्वास्थ्य काे पूरी तरह से बिगाड़ सकता है। योगासन के शरीर और मन को तरोताजा आैर आध्यात्मिक लाभ की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। ताे आइए आज हम आपकाे बताते हैं सूर्य नमस्कार करने के महत्वपूर्ण लाभ के बारे में। 

सूर्य नमस्कार, योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। इसके नियमित अभ्यास से मानव स्वस्थ रहता हैं और मानसिक-विचार भी शुद्ध होते हैं। एक स्वस्थ मनुष्य को रोजाना कुछ समय के लिए ही सही पर सूर्यनमस्कार अवश्य करना चाहिए। वैसे तो सूर्य नमस्कार में अलग-अलग 12 मंत्रो का उच्चारण किया जाता है और हर मंत्र का एक ही अर्थ होता हैं -“एक ही सरल अर्थ है- सूर्य को (मेरा) नमस्कार है।”

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इसके लिए विधि पूर्वक: सर्वप्रथम दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों जाएं, फिर नेत्रो को बंद करके ध्यान ‘आज्ञा चक्र’ पर केंद्रित करके ‘सूर्य भगवान’ का आह्वान करें। श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और गर्दन को पीछे कि और झुकाएं। फिर श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुके तथा हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें फिर घुटने सीधे करके माथे को घुटनों पर स्पर्श कराते हुए ध्यान नाभि के पीछे ‘मणिपूरक चक्र’ पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें।

सूर्य नमस्कार हमारे शरीर के संपूर्ण अंगों की विकृतियों को दूर करके निरोग बना देती हैं तथा यह पूरी प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है। इसके अभ्यासी के हाथों-पैरों के दर्द दूर होकर उनमें सबलता आ जाती है। धार्मिक तौर पर भी सूर्य नमस्कार बेहद खास माना जाता है।

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